daytalk

जम्मू-कश्मीर में आतंक के नेटवर्क पर बड़ा वार, श्रीनगर में 63 ठिकानों पर पुलिस ने मारे छापे – Jammu and Kashmir Major attack terror network police raids 63 locations in Srinagar ntc

जम्मू-कश्मीर में आतंक के नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए श्रीनगर पुलिस ने पूरे शहर में व्यापक छापेमारी अभियान चलाया. अधिकारियों के मुताबिक ये कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज मामलों की जांच के सिलसिले में की गई.

आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने के मकसद से पुलिस की टीमों ने श्रीनगर के विभिन्न इलाकों में 63 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की. जिन लोगों के घरों पर छापे मारे गए, वे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े होने के आरोपी हैं और उन पर आतंकवाद और शस्त्र अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं.

जिन लोगों के आवासों पर छापे मारे गए हैं, उनमें दलाल मोहल्ला के फुरकान फारूक मीर और फैज़याब शोकत दीवानी, टेंगपोरा ज़ूनिमार के ज़ुबैर गुल, मलिक साहिब सफा कदल के मोहम्मद यूसुफ नक़ाश और मुमखान मोहल्ला बादामवारी के सैयद अहमद परीमू, खन्यार के कव मोहल्ला निवासी दाऊद अहमद वानी शामिल हैं, जिनके लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने का संदेह है. इसके अलावा रियाज अहमद वानी, रफीक अहमद वानी, शबीर अहमद वानी, वसीम राजा ज़रगर, एजाज अहमद भट और मुदस्सिर नज़ीर खान के घर की भी तलाशी ली गई, पुलिस को आशंका है कि इनके लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन हैं. 

पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM), इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू एंड कश्मीर (ISJK), द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) जैसे अन्य प्रतिबंधित संगठनों के साथ जुड़े संदिग्धों के घरों पर भी छापेमारी की. इनमें शोएब नज़ीर जान, एजाज अहमद खान, लियाकत हुसैन डार, बिलाल अहमद गनी और मुसाइब अहमद डार जैसे नाम शामिल हैं. ये छापे लाल बाजार, सौरा, नौगाम, पंथाचौक और बेमिना सहित कई इलाकों में मारे गए.

पुलिस ने बताया कि सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत हिरासत में लिए गए व्यक्तियों, एनआईए की कस्टडी में बंद आतंकी और पूर्व में आतंक से जुड़े मामलों में गिरफ्तार किए गए कुछ रिहा हो चुके आतंकियों पर भी नजर रखी जा रही है. पुलिस ने बटमालू, करन नगर, चानापोरा, नटीपोरा और तौहीदाबाद जैसे इलाकों में भी छापेमारी की. पुलिस के मुताबिक तलाशी अभियान पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में कार्यपालक मजिस्ट्रेट और स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में किया गया.

एक अधिकारी ने बताया कि इस छापेमारी का उद्देश्य हथियारों, दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों और अन्य महत्वपूर्ण सबूतों को जब्त करना था, ताकि भविष्य में किसी भी आतंकी साजिश को रोका जा सके. ये छापेमारी पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुई. जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई, जबकि 17 लोग घायल हुए थे. इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के सक्रिय आतंकियों के 7 घरों को भी ध्वस्त किया है.

Exit mobile version