ईरान और अमेरिका के बीच शनिवार को एक अहम परमाणु वार्ता होगी. इस वार्ता की अगुवाई ईरान की तरफ से विदेश मंत्री अब्बास अराकची और अमेरिका की तरफ से विशेष दूत स्टीव विटकोफ करेंगे. इस वार्ता में ओमानी विदेश मंत्री बदर अल-बुसैदी मध्यस्थता करेंगे.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा सोमवार को अचानक किए गए ऐलान के बाद व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को एक बार फिर से धमकी दी है कि अगर ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को बंद करने के लिए सहमत नहीं होता है, तो “नरक जैसी स्थिति” का सामना करना पड़ेगा.
यह भी पढ़ें: Trump Tariff: अचानक बॉन्ड मार्केट में ये क्या हुआ, US पर खत्म हो रहा विश्वास? ट्रंप की बढ़ सकती है मुश्किल
धमकी और दबाव के बिना समझौते की संभावना!
ईरानी मीडिया ने शुक्रवार को कहा कि यह वार्ता अमेरिका के साथ ईरान के संबंधों में एक नया मोड़ लेकर आ सकती है. वहीं, ईरान के उप विदेश मंत्री माजिद तख्त-ए-रवांची ने बताया कि अमेरिकी धमकी और दबाव के बिना समझौते की संभावना बनी रहती है.
अगर ईमानदारी से बातचीत में शामिल हो अमेरिका…
ईरानी उच्चाधिकारियों ने “महत्वपूर्ण और व्यावहारिक” प्रस्तावों की तैयारी की हुई है. ईरानी अधिकारी ने कहा कि अगर अमेरिका ईमानदारी से वार्ता में शामिल होता है, तो समझौता करना सरल हो सकता है.
यह भी पढ़ें: ट्रंप के दूत के साथ पुतिन ने 4 घंटे की बैठक, यूक्रेन में युद्धविराम पर रूसी राष्ट्रपति को मनाने की कोशिशें जारी
2015 में ट्रंप ने ईरान के साथ बिगाड़ा था रिश्ता
2015 में अमेरिका ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से खुद को बाहर कर लिया था, जिसके बाद ईरान ने यूरेनियम का भंडार बढ़ा लिया है. ईरान ने दावा किया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल ऊर्जा के शांति पूर्वक इस्तेमाल के लिए है, और पश्चिमी देश इसे परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश के रूप में देखते हैं. इस वार्ता में सीधी बातचीत की गुंजाइश कम है.











Leave a Reply