दलित युवाओं को जोड़ने की कोशिश में बीजेपी… अंबेडकर जयंती पर होगी मैराथन, सीएम योगी करेंगे शिरकत – BJP trying to connect Dalit youth Marathon held on Ambedkar Jayanti CM Yogi will also participate ntc

अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) पर राजनीतिक दलों में अंबेडकर को अपना बनाने की होड़ लगी हुई है, एक ओर जहां समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इटावा में अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया. वहीं, यूपी बीजेपी बाबासाहेब के नाम पर मैराथन आयोजित करने जा रही है. 13 अप्रैल को लखनऊ में बीजेपी संगठन द्वारा आयोजित होने वाले इस मैराथन की थीम ‘एक भारत समरस भारत’ रखी गई है. लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम से 1090 चौराहे तक ये मैराथन आयोजित किया जाएगा, जिसके केंद्र में दलित और ओबीसी के बच्चे, युवा और मैराथन धावक होंगे. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मैराथन जर्सी को लॉन्च किया है, इस प्रोग्राम में सीएम योगी भी शिरकत करेंगे. 

अंबेडकर जयंती के अवसर पर बीजेपी दलित युवाओं को लुभाने के साथ ही पार्टी की विचारधारा और संगठन से जोड़ने के लिए मैराथन का आयोजन कर रही है. ताकि इसके जरिए ही सही दलित और ओबीसी युवाओं तक पहुंचा जा सके.

प्रदेश के संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह लोकसभा चुनाव के बाद से ही दलित और ओबीसी के बीच पार्टी के विचारों को ले जाने और उनके मन से गलतफहमी दूर करने की कोशिश में जुटे हैं. भाजपा संगठन को ये मालूम है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी दलित और पिछड़ों में नेगेटिव बिगड़ जाने की वजह से पिछड़ गई थी. खासकर आरक्षण खत्म होने का सवाल, 69000 शिक्षकों की भर्ती का सवाल और संविधान बदलने का सवाल. इन मुद्दों ने बीजेपी का नैरेटिव खराब कर दिया था. इसके बाद से प्रदेश संगठन के कान खड़े हो गए और अब वह ऐसे हर नैरेटिव को ध्वस्त करने के लिए जुटा हुआ है.

बीजेपी के नेता और राजनाथ सिंह के बेटे नीरज सिंह को इस मैराथन में दलित और पिछड़े युवाओं को जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. दलित छात्रों और युवाओं को इस मैराथन में लाने के लिए अंबेडकर हॉस्टल से लेकर दलित बस्तियों तक में जन जागरण किया जा रहा है और उन्हें इस मैराथन में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया गया है.

दरअसल, बीजेपी संगठन 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी में पिछड़ने के बाद से ही दलित और अति पिछड़ों को पार्टी से जोड़ने के नए तरीके अपना रहा है. पार्टी ने पहले दलित और अति पिछड़ी बिरादरी के युवाओं को सोशल मीडिया आर्मी बनाई थी. ताकि दलित ओबीसी के नाम पर बनने वाले नैरेटिव का राजनीतिक मुकाबला किया जा सके. इसी क्रम में इस मैराथन को भी देखा जा रहा है. अंबेडकर के नाम पर बीजेपी हर संभव ये कोशिश कर रही है कि दलितों से दूर करने के प्रपंच को वह काउंटर कर सके. इस मैराथन में आने वाले दलित और ओबीसी युवाओं को बीजेपी खेलकूद और आयोजनों के जरिए जोड़ने के मिशन में जुटी है.

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