लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हैदराबाद में भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ साल पहले कांग्रेस पार्टी खुद को पूरी तरह से फंसा और अलग-थलग महसूस कर रही थी. उन्होंने कहा कि नई राजनीति जो आक्रामक है और जहां विपक्ष से संवाद नहीं बल्कि उसे कुचलने का प्रयास होता है, उसने हमारे सभी रास्ते बंद कर दिए. मीडिया और माहौल दोनों ने हमें स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति नहीं दी.
राहुल गांधी ने बताया कि इसी स्थिति में कांग्रेस ने अपने इतिहास में झांका और कन्याकुमारी से कश्मीर तक की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकालने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि इस यात्रा से मैंने दो बातें सीखी. पहली- हमारे विरोधियों के पास गुस्सा, डर और नफरत पर एकाधिकार है. हम उनसे इस मैदान पर कभी मुकाबला नहीं कर सकते. वे गुस्से, डर और नफरत में हमें हर बार हरा देंगे.
राहुल गांधी ने कहा कि अब सवाल ये है कि कांग्रेस को किस जगह और किस भावना से काम करना चाहिए और कैसे एक मजबूत जवाबी नैरेटिव खड़ा किया जा सकता है.
सीएम रेवंत रेड्डी ने गिनाईं उपलब्धियां
इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भारत समिट में कहा कि तेलंगाना एक समृद्ध इतिहास, अनूठी संस्कृति और परंपराओं की भूमि है. उन्होंने याद दिलाया कि कैसे छात्रों, श्रमिक संगठनों, किसानों और महिलाओं के नेतृत्व में लंबे संघर्ष के बाद तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा मिला.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद भी लोगों की आकांक्षाएं पूरी नहीं हो सकीं. कांग्रेस पार्टी को सत्ता सौंपते हुए जनता ने उम्मीद जताई थी कि उनके सपने साकार होंगे, और उनकी सरकार अब इन सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में 20,617 करोड़ के कृषि ऋण माफ़ किए गए, जिससे 25.5 लाख किसान स्वतंत्र हुए. किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली और “रैथु भरोसा” योजना के तहत सालाना 12,000 रुपए प्रति एकड़ की सहायता. भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 12,000 रुपए प्रति परिवार दिए जा रहे हैं.
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