‘बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाएं, सेना की मौजूदगी में हों चुनाव…’, बोले BJP नेता मिथुन चक्रवर्ती – ‘बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाएं, सेना की मौजूदगी में हों चुनाव…’, बोले BJP नेता मिथुन चक्रवती

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद राजनीतिक उफान देखने को मिल रहा है. बीजेपी नेता और फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवती ने हिंसा पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, मैं केंद्रीय गृह मंत्री से बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की अपील करता हूं. बंगाल में अगला चुनाव सेना की मौजूदगी में कराया जाए. हम बंगाल में निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं. 

मिथुन चक्रवती ने आगे कहा, हम राज्य में दंगे नहीं चाहते हैं. बंगाल में दुखद स्थिति है. दंगा प्रभावित क्षेत्रों में हिंदुओं को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है. बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है. बंगाल हाथ से निकल रहा है.

दरअसल, वक्फ संशोधन कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल में 11 अप्रैल को जबरदस्त हिंसा हुई थी. मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद और मालदा जिले के साथ-साथ दक्षिण 24 परगना के भांगोर में हिंसक झड़प से तनाव बढ़ गया था. हिंसा में तीन लोग मारे गए थे. 200 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं हैं और इलाके में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. 

हिंसा से बंगाल की राजनीति गरम

बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव हैं. इससे पहले हिंसा ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है. विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले अपने-अपने वोटर्स को लामबंद किए जाने के प्रयास तेज हो गए हैं. राज्य में मुस्लिम भी बड़ी आबादी में हैं.

11 अप्रैल को सबसे पहले मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज ब्लॉक के धूलियान में हिंसा की चिंगारी भड़की थी. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों को आग लगा दी थी और सुरक्षा बलों से भिड़ गए थे. पास के सूती इलाके में भी आगजनी देखने को मिली थी. यहां एजाज अहमद नाम के शख्स की कथित तौर पर गोली लगने से मौत हो गई थी. कुछ ही किलोमीटर दूर शमशेरगंज में 70 वर्षीय हरगोबिंदो दास और उनके 40 वर्षीय बेटे चंदन की घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस चार घंटे बाद पहुंची.

राज्यपाल ने क्या कहा…

गुरुवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि राज्य में हिंसा का कैंसर जैसा प्रकोप हो रहा है. उन्होंने दावा किया कि बंगाल में चुनाव और संकट के समय अक्सर हिंसा भड़कती रहती है. उन्होंने कहा कि कोई भी सभ्य समाज ऐसी स्थिति को बर्दाश्त नहीं करेगा.

गवर्नर बोस ने कहा, बंगाल में हिंसा है. यह पिछले कुछ सालों में नहीं पैदा हुई है. बंगाल में हिंसा की परंपरा रही है. चुनाव और संकट के वक्त हिंसा का साया बहुत ज्यादा रहता है. उन्होंने कहा, इसे कोई भी सभ्य समाज बर्दाश्त करेगा. बंगाल में हिंसा और भ्रष्टाचार कैंसर की तरह बढ़ रहा है.

हिंसा पर सीएम ममता ने क्या कहा…

इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर साजिश रचने का आरोप लगाया था. ममता ने कहा, वक्फ संशोधन को लेकर आप इतनी जल्दी क्यों थे? क्या आपको बांग्लादेश की स्थिति के बारे में पता नहीं था? केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि आप कालिदास की तरह जिस डाल पर बैठे हैं, उसे काट नहीं सकते. जब मोदीजी नहीं रहेंगे तो उनका क्या होगा? मैं मोदीजी से निवेदन करना चाहती हूं कि अमित शाह पर लगाम लगाएं, वे हमारे खिलाफ एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. मुर्शिदाबाद हिंसा पर उन्होंने कहा कि यह एक पूर्व नियोजित सांप्रदायिक दंगा है.

उन्होंने कहा कि हमने बंगाल को बदनाम करने के लिए फैलाई जा रही कुछ फर्जी मीडिया रिपोर्ट पकड़ी हैं. हम सभी इमामों और पुरोहितों का सम्मान करते हैं. हम नजरुल इस्लाम, रवींद्रनाथ टैगोर की विचारधाराओं में विश्वास करते हैं.

उन्होंने कहा कि बंगाल में दंगे भड़काने की बीजेपी की साजिश में न फंसें. उन्होंने कहा कि बीजेपी बंगाल के बारे में फर्जी खबरें फैला रही है, अगर टीएमसी वक्फ विरोधी हिंसा में शामिल होती, जैसा कि विरोधी दावा कर रहे हैं, तो उसके नेताओं के घरों पर हमले नहीं होते. बंगाल सीएम ने कहा कि सरस्वती पूजा सभी घरों में मनाई जाती है लेकिन वे कहते हैं कि हम बंगाल में सरस्वती पूजा की इजाजत नहीं देते हैं, जबकि हमने ही काली मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया है.

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