बांग्लादेश की इस्लामिक पार्टियों ने मोहम्मद यूनुस सरकार को कड़ी चेतावनी दी है. इन पार्टियों ने मांगें नहीं माने जाने पर बड़े आंदोलन की भी वॉर्निंग दी है.
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामिक पार्टियों ने महिला सुधार आयोग पर इस्लाम विरोधी और पश्चिम से प्रेरित प्रस्तावों को प्रमोट करने का आरोप लगाया है. इस्लामिक पार्टियों ने मोहम्मद यूनुस सरकार से महिला सुधार आयोग को जल्द से जल्द खत्म करने को कहा है. इन जातीय उलेमा माशायेख परिषद पार्टी के बैनर तले इस्लामिक पार्टियों ने यूनुस सरकार को चेतावनी दी है कि अगर महिला सुधार आयोग की इस्लाम विरोध नीतियों की वजह से उसे खत्म नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
मोहम्मद यूनुस सरकार को चेतावनी दी गई कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो मोहम्मद यूनुस और उनकी सरकार के नेताओं को भागने के लिए पांच मिनट भी नहीं मिलेंगे. उनके इस बयान को शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़कर जाने के लिए दिए गए 45 मिनट से जोड़कर देखा जा रहा है.
इन पार्टियों का आरोप है कि यूनुस सरकार महिला आयोग और अन्य सुधार आयोगों की कुछ सिफारिशों को लागू कर रही है, जो उनके अनुसार इस्लाम विरोधी हैं. इन सिफारिशों में कथित तौर पर महिलाओं के अधिकारों, लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्ष नीतियों को बढ़ावा देने वाली नीतियां शामिल हैं.
ठीक इसी तरह हिफाजत-ए-इस्लाम ने चेतावनी दी कि अगर ये सिफारिशें लागू की गईं, तो वे पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समान अंजाम भुगतेंगे, जिन्हें जुलाई-अगस्त 2024 में जन-आंदोलन के बाद देश छोड़ना पड़ा था। इन संगठनों ने सरकार को मांगें मानने के लिए 30 अप्रैल 2025 तक का अल्टीमेटम दिया है, अन्यथा बड़े पैमाने पर आंदोलन की धमकी दी है। ढाका के बैतुल मुकर्रम मस्जिद के पास विरोध प्रदर्शन भी देखे गए हैं।
