युद्ध की थकान, घरेलू असंतोष और ट्रंप का प्रेशर… अब जंग से पीछे हटना चाहते हैं पुतिन, यूक्रेन को दिया डील का ऑफर – Vladimir Putin proposed bilateral talks with Ukraine for the first time major turn in russia ukraine war ntcppl

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युद्ध के शुरुआती दिनों के बाद पहली बार यूक्रेन के साथ शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा है. इससे पहले पुतिन ने इस्टर के मौके पर एक दिन के एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की थी. अब उन्होंने दूसरी बार युद्ध रोकने का ऑफर दिया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस ऑफर पर पॉजिटिव जवाब दिया है. जेलेंस्की ने अपने रात को रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो संदेश में इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन युद्ध विराम के बारे में “किसी भी बातचीत के लिए तैयार है” जो नागरिकों पर हमलों को रोकने की दिशा में सकारात्मक पहल हो. 

पुतिन और जेलेंस्की दोनों पर ही बातचीत की टेबल पर आने के लिए अमेरिका का दबाव है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर दोनों देश शांति उपायों पर आगे नहीं बढ़ते हैं तो अमेरिका इस कोशिश से ही बाहर हो जाएगा.  

रूस और यूक्रेन ने कहा है कि वे पिछले सप्ताह के अंत में मास्को द्वारा घोषित 30 घंटे के ईस्टर युद्धविराम के बाद आगे भी सीजफायर के लिए तैयार हैं. हालांकि दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर इसका उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. 

जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन बुधवार को लंदन में अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ वार्ता में भाग लेगा. यह चर्चा पिछले सप्ताह पेरिस में हुई बैठक के बाद की कड़ी है, जिसमें अमेरिका और यूरोपीय देशों ने तीन साल से अधिक पुराने युद्ध को समाप्त करने के तरीकों पर चर्चा की थी.

पुतिन ने रूसी सरकारी टीवी रिपोर्टर से बात करते हुए कहा कि ईस्टर युद्ध विराम के बाद लड़ाई फिर से शुरू हो गई है, जिसकी घोषणा उन्होंने शनिवार को एकतरफा रूप से की थी.  उन्होंने कहा कि मॉस्को किसी भी शांति पहल के लिए खुला है और कीव से भी यही उम्मीद करता है. पुतिन ने सरकारी टीवी रिपोर्टर पावेल ज़ारुबिन से कहा, “हमने हमेशा इस बारे में बात की है कि हम किसी भी शांति पहल के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं. हमें उम्मीद है कि कीव शासन के प्रतिनिधि भी ऐसा ही महसूस करेंगे.”

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा: “जब राष्ट्रपति ने कहा कि नागरिक लक्ष्यों पर हमला न करने के मुद्दे पर चर्चा करना संभव है, तो राष्ट्रपति के मन में यूक्रेनी पक्ष के साथ बातचीत और चर्चा थी.” 

रूस के फरवरी 2022 के आक्रमण के बाद के शुरुआती हफ्तों से दोनों पक्षों के बीच कोई सीधी बातचीत नहीं हुई है. 

जेलेंस्की ने अपने रात्रिकालीन वीडियो संबोधन में कहा कि यूक्रेन नागरिक ठिकानों पर हमलों को रोकने के अपने प्रस्ताव पर कायम है और इसे हासिल करने के लिए किसी भी तरह की चर्चा के लिए तैयार है. इससे पहले, अमेरिका और यूक्रेन ने इसे 30-दिवसीय युद्धविराम के रूप में तैयार किया था. 

जेलेंस्की ने कहा, “यूक्रेन कम से कम नागरिक ठिकानों पर हमला न करने के अपने प्रस्ताव पर कायम है. और हम मास्को से स्पष्ट प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं, हम इसे हासिल करने के तरीके के बारे में किसी भी बातचीत के लिए तैयार हैं.”

जेलेंस्की ने सोमवार को पहले कहा था कि बिना शर्त युद्ध विराम के बाद “वास्तविक और स्थायी शांति की स्थापना होगी”. 

जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट किया, “यूक्रेन की कार्रवाइयां जैसे को तैसा के आधार पर रहेंगी. युद्ध विराम का जवाब युद्ध विराम से दिया जाएगा, और रूसी हमलों का जवाब हमारे बचाव में दिया जाएगा. आपके काम हमेशा शब्दों से अधिक जोरदार तरीके से बोलते हैं.”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और विदेश मंत्री मार्को रुबियो दोनों ने शुक्रवार को कहा था कि अगर दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता में कुछ प्रगति नहीं हुई तो वाशिंगटन शांति वार्ता को छोड़ सकता है. 

ट्रम्प ने रविवार को अधिक आशावादी रुख अपनाते हुए कहा कि उम्मीद है कि दोनों पक्ष इस सप्ताह एक समझौता कर लेंगे. रूस की मांगों में यूक्रेन द्वारा पुतिन द्वारा दावा की गई सारी भूमि को सौंपना और स्थायी तटस्थता स्वीकार करना शामिल है. 

युद्ध की थकान

लंबे समय से चल रहा युद्ध रूस पर दबाव डाल रहा है. रूस से आ रहे रिपोर्ट बताते हैं कि देश आर्थिक दबाव झेल रहा है. रूसी सैनिक अनुशासनहीनता पर उतर आए हैं और वे भगोड़े हो रहे हैं. नए सैनिकों की भर्ती को लेकर युवाओं में अनिच्छा और हताहतों की बढ़ती संख्या घरेलू असंतोष पैदा कर रही है. 

युद्ध के नुकसान, पश्चिमी प्रतिबंधों और रूस की 300 अरब डॉलर की संपत्तियों की जब्ती ने पुतिन के लिए आंतरिक और बाहरी चुनौतियां पैदा की है. बातचीत के लिए पुतिन का खुलकर सामने इस बात को दर्शाता है कि वे युद्ध की समस्या से निजात चाहते हैं. 

हालांकि पुतिन के युद्ध विराम प्रस्ताव आंशिक रूप से गंभीर लेकिन बहुत हद तक शर्तों के साथ रखे गए प्रतीत होते हैं. आर्थिक और सैन्य तनाव के कारण खींचतान वाला संघर्ष संभवतः बेचैनी पैदा कर रहा है, लेकिन पुतिन के कार्यों से पता चलता है कि वह रणनीतिक लाभ हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. 

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