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शिकागो का ‘चांदनी चौक’ जहां तहव्वुर राणा और हेडली ने खोल रखी थी वीजा की दुकान, लेकिन असली बिजनेस टेरर का था! – Tahawwur Rana in chicago immigration business with David Headley ntcppl

खाली कुर्सियां. हिजाब पहने एक अकेली महिला अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर एकटक होकर देख रही है. एक छोटे से सेल में एक बूढ़ा आदमी अपनी कुर्सी पर बैठा है और फोन पर बात कर रहा है. ऑफिस की खिड़की से कनाडा और अमेरिका का एक झंडा लटका हुआ है. यह शिकागो के डेवन एवेन्यू में आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा का दफ़्तर है.

ये तब का कहानी है जब 2009 में तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी से पहले तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली ने अमेरिका के शिकागो में कथित तौर पर इमिग्रेशन सर्विस देने के लिए कथित तौर पर एक दुकान चला रहे थे. 

मई-जून 2011 में राणा पर अमेरिका में मुकदमा चलाया गया और उसे डेनिश अखबार पर हमला करने की साजिश में पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को मदद पहुंचाने का दोषी ठहराया गया. लेकिन तहव्वुर राणा को 2011 में अमेरिकी जूरी द्वारा मुंबई हमलों में प्रत्यक्ष भागीदारी के आरोप से बरी कर दिया गया था. इसके बाद से ही NIA इस केस को गंभीरता से फॉलो कर रहा है.

इस दौरान आजतक संवाददाता गौरव सावंत शिकागो के उस इलाके में पहुंचे थे जहां से तहव्वुर राणा और हेडली इमिग्रेशन सर्विस की दुकान चलाता था.

इस इलाके को, खास तौर पर जिस गली में यह ऑफिस है, शिकागो का चांदनी चौक कहा जाता है. दुकानों के नाम भारतीय और पाकिस्तानी हैं. यहां एक गांधी स्ट्रीट और एक जिन्ना स्ट्रीट. यहां पर कतार से भारत की दुकानें हैं. इस जगह को मिनी इंडिया भी कहा जाता है.

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तब यहां पर आतंकी तहव्वुर राणा का अपराध इस बात पर निर्भर करता था कि आप शहर के किस हिस्से में रहते हैं. यहीं से राणा ने अपना इमिग्रेशन व्यवसाय चलाया.उसके ऑफिस का पता था- 2809 डेवन एवेन्यू, शिकागो, इलिनोइस. 

इसी जगह को लश्कर के अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली ने अपने विजिटिंग कार्ड में इस्तेमाल किया था ताकि यह संकेत मिल सके कि वह फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन कंसल्टेंसी मैनेजमेंट के साथ सलाहकार था.

तब इस  कंसल्टेंसी मैनेजमेंट के बगल में मौजूद पड़ोसियों का कहना था कि फर्म के वरिष्ठ भागीदार रेमंड जे. सैंडर्स प्रतिबंधित लश्कर के साथ संबंधों के कारण काफी चिंतित थे उन्हें लग रहा था कि इसकी वजह से कंपनी का बिजनेस प्रभावित हुआ है और वे इसे फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे. 

उस समय जब ने सैंडर्स से पूछा गया था कि क्या उन्हें धोखा दिया गया है, उनका इस्तेमाल किया गया है या फिर उन्हें अपनी जान का डर है, तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया.  लेकिन पड़ोसियों का कहना है कि वे बेहद परेशान थे और उनके कारोबार को नुकसान पहुंचा था.

उन्हें यह भी डर सता रहा था उनके बीच और भी हेडली और राणा हो सकते हैं. जिन्ना स्ट्रीट पर सड़क के उस पार पाकिस्तानी मानते थे कि राणा को हेडली ने फंसाया है. उन्हें लगता है कि राणा दोस्ती की भारी कीमत चुका रहा है. 

बता दें कि 2011 से 14 साल गुजरने के बाद आतंकी तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है. उसे दिल्ली स्थित एनआईए हेडक्वार्टर में ग्राउंड फ्लोर की सेल में रखा गया है. इस सेल में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है. इसी सेल में उसे बिस्तर दिया गया है, जो जमीन पर लगा हुआ है. बाथरूम सेल के भीतर ही है. सेल का साइज लगभग 14/14 का है. राणा को सेल के भीतर ही खाना और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराया जाएगा.

इस सेल में मल्टीपल लेयर डिजिटल सिक्योरिटी है, जहां 24 घंटे गार्ड पहरा देंगे. सेल के भीतर एनआईए के टॉप 12 अधिकारियों को ही प्रवेश करने की मंजूरी दी गई है. राणा की NIA हेडक्वार्टर में भी कम से कम मूवमेंट करवाई जाएगी और पूछताछ के लिए दो कैमरों की निगरानी में रिकॉर्डिंग के साथ इंटेरोगेट किया जाएगा. इस कमरे के ठीक ऊपर तीसरे फ्लोर पर बने इंटोरेगेशन रूम में पूछताछ होगी.

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