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सीएम योगी के आदेश पर सख्त कार्रवाई… 51 डीलरों और 28 ARTO पर एक्शन, जानें वजह – Action taken against 51 dealers and 28 ARTO why Yogi sarkar strict action lclg

उत्तर प्रदेश में वाहन पंजीकरण प्रक्रिया में लापरवाही और अनियमितता की बड़ी पोल खुली है. परिवहन विभाग ने राज्य भर में 51 वाहन डीलरों और 28 सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों (ARTO) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एक राज्यव्यापी अभियान के तहत की गई है. 

न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक परिवहन विभाग ने जनवरी से मार्च 2025 के बीच ‘वाहन 4.0’ पोर्टल पर दर्ज किए गए डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन डेटा की समीक्षा की. इस विश्लेषण में कई ऐसी खामियां सामने आईं जिनसे स्पष्ट हुआ कि न केवल डीलर, बल्कि विभागीय अधिकारी भी पंजीकरण प्रक्रियाओं के अनुपालन में गंभीर लापरवाही बरत रहे हैं. जांच में जो बातें सामने आईं, वे न सिर्फ चौंकाने वाली हैं, बल्कि जनता के हितों के प्रतिकूल भी मिली हैं:

पंजीकरण से पहले ही कर दी गई वाहन डिलीवरी 

कई मामलों में पाया गया कि डीलरों ने वाहन का रजिस्ट्रेशन पूरा होने से पहले ही ग्राहकों को वाहन डिलीवर कर दिए. यह प्रक्रिया नियमों के खिलाफ है और इससे वाहन मालिक कानूनी पचड़ों में भी फंस सकते हैं.

दस्तावेजों में भारी अनियमितता

अपलोड किए गए दस्तावेज़ों में कई बार जानकारी अधूरी, अस्पष्ट या असंगत पाई गई. इससे आवेदन रिजेक्ट होते रहे लेकिन डीलरों ने उनमें कोई सुधार नहीं किया. वहीं विभाग द्वारा आवेदन वापस किए जाने के बाद भी कई डीलरों ने दोबारा वही ग़लतियां कीं, जिससे प्रक्रिया और अधिक लंबी होती गई.

RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) मिलने में देरी: दस्तावेज़ी अनियमितताओं और प्रक्रिया में लापरवाही के चलते कई वाहन मालिकों को समय पर आरसी नहीं मिल पाई, जिससे उन्हें न सिर्फ असुविधा हुई, बल्कि कई बार वाहन का उपयोग करना भी कानूनी रूप से संदेहास्पद हो गया.

लखनऊ के डीलर भी घेरे में

परिवहन विभाग ने बताया कि इन सभी अनियमितताओं के आधार पर लखनऊ के एक प्रमुख वाहन डीलर समेत कुल 51 डीलरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उन्हें 14 दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब देने को कहा गया है. यदि निर्धारित समय सीमा में उचित स्पष्टीकरण नहीं मिला, तो उनके ट्रेड सर्टिफिकेट को निलंबित या रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

ARTO अधिकारियों पर भी गिरी गाज

सिर्फ डीलर ही नहीं, बल्कि विभागीय लापरवाही का दायरा भी बड़ा है. जांच में यह बात सामने आई कि कई सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों (ARTO) ने न तो आवेदन की समुचित समीक्षा की, न ही लापरवाह डीलरों पर समय रहते कोई कार्रवाई की. कई फाइलें लंबित पड़ी रहीं, और कई त्रुटिपूर्ण आवेदन मंज़ूर भी कर दिए गए. इन्हीं सब कारणों से विभाग ने राज्यभर के 28 ARTO को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं, ताकि उनके जवाबों के आधार पर आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई तय की जा सके.

परिवहन आयुक्त का सख्त संदेश

परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह ने स्पष्ट कहा कि विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता जनता को समयबद्ध, पारदर्शी और परेशानी मुक्त सेवाएं देना है. चाहे डीलर हो या अधिकारी यदि कोई भी व्यवस्था को बिगाड़ने में भूमिका निभा रहा है, तो उसके खिलाफ नियमों के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि वाहन पंजीकरण सेवा सीधे आम नागरिकों से जुड़ी है. ऐसे में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. विभागीय आदेशों का पालन न करने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई तय है.
 

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