अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने ईरान को एक कड़ी चेतावनी दी है. एक बयान में हेगसेथ ने कहा कि ईरान द्वारा यमन के हूती विद्रोहियों जो घातक समर्थन और मदद दी जा रही है, उसकी अमेरिका को पूरी जानकारी है. उन्होंने कहा कि इसका अंजाम ईरान को भुगतना पड़ेगा.
हेगसेथ ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका अपने हिसाब से तय करेगा कि उसे कब और कहां एक्शन उठाना है. हेगसेथ ने ने कहा, “आपके द्वारा (ईरान) हूतियों को जो घातक समर्थन दिया जा रहा है, हमें उसकी पूरी जानकारी हैं. हम जानते हैं कि आप क्या कर रहे हैं. और आप भी अच्छी तरह जानते हो कि अमेरिकी सेना क्या कर सकती है. आपको चेतावनी दी जा चुकी है. अब परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें.”
यह बयान ऐसे समय आया है जब लाल सागर क्षेत्र में हूती विद्रोहियों द्वारा व्यापारिक जहाजों पर हमले बढ़ते जा रहे हैं. अमेरिका का आरोप है कि इन हमलों के पीछे ईरान की रणनीतिक और सैन्य मदद है. अमेरिका की यह नाराजगी एक स्पष्ट संकेत है कि वह अब केवल चेतावनी देने के मोड में नहीं है, बल्कि कार्रवाई का भी मन बना रहा है.
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पहले भी दी थी चेतावनी
पीट हेगसेथ के इस बयान को अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में एक निर्णायक मोड़ के तौर पर देखा जा रहा है. इससे पहले अमेरिका ने कई बार ईरान को चेताया था कि वह क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने वाली ताकतों को समर्थन देना बंद करे, लेकिन ईरान की गतिविधियों में कोई खास बदलाव नहीं आया. आपको बता दें कि इससे पहले सोमवार को ही अमेरिका ने यमन में अफ्रीकी प्रवासियों के डिटेंशन सेंटर पर बड़ी एयर स्ट्राइक की थी. इस स्ट्राइक में 68 प्रवासी मारे गए थे.
विश्लेषकों का मानना है कि यदि ईरान ने अपनी नीति नहीं बदली, तो अमेरिका की सैन्य प्रतिक्रिया जल्द ही किसी निर्णायक कार्रवाई में बदल सकती है. इसका असर न केवल पश्चिम एशिया, बल्कि वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरणों पर भी पड़ेगा.
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हूती का दावा है कि इस हमले को अमेरिका ने अंजाम दिया है. ईरान समर्थित हूती एक बड़ा हथियारबंद समूह है जिसका उत्तरी यमन पर कब्जा है. फिलिस्तीनियों के समर्थन में वे लाल सागर में ट्रेडिंग शिप्स को लगातार निशाना बना रहे हैं. इसके लिए अमेरिका ने उसे ‘अंजाम भुगतने’ की चेतावनी भी दी है, और पहले कई हमले भी किए हैं.











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