आगरा को ‘आधुनिक शहर’ बनाने की दलील खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई से इंकार किया – felling of trees in Taj Trapezium Zone agra Supreme Court rejects plea ntc

ताज ट्रिपोजियम जोन (TTZ) में पेड़ों की कटाई के मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट के 2015 के आदेश लागू रहेंगे. यह आदेश उस याचिका को खारिज करते हुए सुनाया गया, जिसमें ताजमहल के आसपास पेड़ों की कटाई करने की मांग की गई थी. 

इसमें आगरा को आधुनिक शहर को बनाने की दलील दी गई थी. हालांकि कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. 2015 में सुप्रीम ने निर्देश दिया था कि ताजमहल के 5 किलोमीटर की एयर डिस्टेंस के भीतर किसी भी पेड़ की कटाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व अनुमति लेना जरूरी होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ताजमहल के 5 किलोमीटर से बाहर लेकिन TTZ के भीतर के क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई के लिए अथॉरिटी को CEC और फॉरेस्ट ऑफिसर की पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर पेड़ काटने की बहुत जरूरत होगी तो ऐसे में फॉरेस्ट ऑफीसर ये तय करेगा कि पेड़ों की कटाई केवल तभी की जा सकती है जब उसके बदले पेड़ लगाने की सभी शर्तों को पूरा किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने सीईसी से एक रिपोर्ट भी मांगी है, जिसमें यह बताना है कि क्या आगरा किला और फतेहपुर सीकरी जैसे दो हेरिटेज की सुरक्षा के लिए कोई अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका को खारिज करते हुए ये आदेश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आगरा को अपनी ऐतिहासिक धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत के प्रति संवेदनशीलता को कायम रखते हुए एक आधुनिक शहर के रूप में विकसित करने का दावा किया गया था.

इस याचिका में अदालत से निजी जमीन पर पेड़ों की कटाई के लिए इजाजत मांगी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं लगता कि इस तरह की याचिका दाखिल करके आगरा को एक आधुनिक शहर के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी.

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