Aaj Tak Ground Report from Pahalgam – Ground Report: पहलगाम में आतंकियों ने जहां पर्यटकों पर बरसाईं गोलियां, वहां पहुंचा आजतक, Video – Aaj Tak Ground Report from Pahalgam Baisaran Valley Meadow Where LeT Terrorists Shot 26 Tourists ntc

पहलगाम की बैसरन घाटी में स्थित जिस घास के मैदान में 22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने निर्दोष पर्यटकों पर गोलियां बरसाई थीं, आज तक की टीम उस जगह पर पहुंची और ग्राउंड जीरो से हालात का जायजा लिया. लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आतंकी घास के मैदान तक पहुंचे कैसे, उन्हें हथियार लेकर आते हुए किसी ने देखा क्यों नहीं? दरअसल, बैसरन घाटी में जो घास का मैदान है, जिसे अंग्रेजी में मेडो (Meadow) कहते हैं, सैलानी उसी को देखने पहलगाम जाते हैं. मेडो के चारों ओर घने जंगल हैं और यह चारों ओर से ऊंचे पहाड़ों से घिरा है. 

बैसरन घाटी में सैलानी जिस वक्त अपने परिवार और दोस्तों के साथ वादियों का दीदार कर रहे थे, मैगी और भेलपूरी का लुत्फ उठा रहे थे, उसी वक्त आतंकी घने जंगलों से निकलकर घास के मैदान में आए और फायरिंग शुरू कर दी. आज तक को स्थानीय लोगों और सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि एक आतंकवादी पेड़ पर चढ़ा हुआ था. बैसरन घाटी में जो मेडो हो उसे चारों ओर से लोहे की जालियों से घेरा गया है. हालांकि, यह जाली इतनी बड़ी नहीं है कि इसे फांदकर घास के मैदान में आया न जा सके. साथ ही मेडो से जंगलों की आरे जाने के लिए बीच में कहीं-कहीं लोहे की जाली को खुला रखा गया है और लोहे की सीढ़ियां बनाई गई हैं. ताकि लोग आसानी से जंगल की ओर जा सकें.

आतंकी इन्हीं सीढ़ियों की मदद से घास के मैदान में घुसे थे. उन्होंने करीब 15 से 20 मिनट तक मेडो में कत्लेआम मचाया और फिर जंगल की ओर भाग ​गए. इस आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई, जो भारत के अलग-अलग राज्यों से कश्मीर घूमने पहुंचे थे. चश्मदीदों ने बताया कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों को निशाना बनाया. खासतौर पर पुरुषों को गोली मारी गई. सैन्य सूत्रों के मुताबिक इस हमले में 5 से 6 आतंकियों के शामिल होने की आशंका है. इनमें से दो आतंकी स्थानीय थे, जिनकी पहचान बिजबेहरा निवासी आदिल और त्राल निवासी आसिफ के रूप में हुई है. सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इन दोनों आतंकियों के घरों को बम और बुलडोजर से नष्ट कर दिया है. 

आतंकियों की तलाश में बैसरन घाटी के जंगलों में अब भी सर्च ऑपरेशन चल रहा है. आज तक की टीम ने  हमले वाली जगह का मुआयना किया, जिसमें पता चला कि आतंकियों को इस जगह के बारे में पूरी जानकारी थी. उन्होंने बैसरन घाटी की पूरी रेकी की थी. यहां के घास के मैदान में खून के धब्बे अब भी मौजूद हैं, आतंकियों द्वारा किए गए नरसंहार के निशान मौजूद हैं. एनआईए इस हमले की जांच कर रही है और बैसरन घाटी स्थित मेडो से सबूत इकट्ठे किए हैं. यहां मैगी और भेलपूरी बेचने वालों की तलाश भी जांच एजेंसियों कर रही हैं. उनसे भी पूछताछ कर यह पता लगाया जाएगा कि कहीं इस आतंकी हमले में उनकी भी कोई भूमिका तो नहीं है.

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