Badlapur Sexual Assault Case – बदलापुर कांड: SIT ने दर्ज नहीं की FIR, तो बॉम्बे HC ने लगाई पुलिस को फटकार – Badlapur Sexual Assault Case Accused Akshay Shinde death Bombay High Court Maharashtra Police opnm2

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को बदलापुर यौन उत्पीड़न केस में आरोपी अक्षय शिंदे की मुठभेड़ में हत्या के मामले में पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज न करने पर क्राइम ब्रांच की एसआईटी की आलोचना करते हुए बहुत दुखद स्थिति बताया है. कोर्ट की यह तीखी टिप्पणी सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर के इस स्वीकारोक्ति के बाद आई है कि 7 अप्रैल को हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद एसआईटी ने अभी तक केस दर्ज नहीं की है.

इसके बाद सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि 3 मई तक केस दर्ज कर ली जाएगी. उन्होंने कहा कि एसआईटी यह निर्धारित करना चाहती है कि अक्षय शिंदे के माता-पिता मामले में शिकायतकर्ता के रूप में काम करना चाहते हैं या नहीं. इसके बाद में उन्होंने पीठ को सूचित किया कि पुलिस निरीक्षक मंगेश देसाई को शिकायतकर्ता के रूप में नामित किया गया है. वे इस मामले के कागजात और काईरवाई देखेंगे.

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की पीठ ने इस बयान को स्वीकार कर लिया. 7 अप्रैल को हाईकोर्ट ने अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त लखमी गौतम को अक्षय शिंदे की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल बनाने और मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट द्वारा जिम्मेदार ठहराए गए पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया. पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि जांच एजेंसी के लिए एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है. 

पिछले हफ्ते हाईकोर्ट ने राज्य आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को फटकार लगाई, जो शुरू में मामले की जांच कर रहा था. सीआईडी ने 25 अप्रैल को सभी कागजात एसआईटी को सौंप दिए. बुधवार को जब हाई कोर्ट ने पूछा कि क्या केस दर्ज की गई है, तो सरकारी वकील वेनेगांवकर ने नकारात्मक जवाब दिया. इससे नाराज होकर बेंच ने कहा कि जब कोई संज्ञेय अपराध स्पष्ट है, तो पुलिस को विवेक का इस्तेमाल करके केस दर्ज करती है. 

इसके बाद वेनेगांवकर ने कहा कि एसआईटी के पास मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट की कॉपी नहीं है, जिसमें पांच पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया है. उन्होंने अदालत को आश्वस्त किया कि एसआईटी का आदेश को दरकिनार करने का कोई इरादा नहीं है. एफआईआर दर्ज की जाएगी, इसमें कोई दो राय नहीं है. आदेश का पूरी तरह पालन किया जाएगा. ठाणे जिले के बदलापुर में एक स्कूल में दो केजी क्लास की लड़कियों का यौन उत्पीड़न हुआ था.

इस केस के आरोपी अक्षय शिंदे (24) की 23 सितंबर, 2024 को पुलिस वैन के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब उसे दूसरे मामले में जांच के लिए तलोजा जेल से कल्याण ले जाया जा रहा था. पुलिस टीम ने दावा किया कि उन्होंने आत्मरक्षा में उसे गोली मारी, क्योंकि उसने एक अधिकारी की बंदूक छीन ली थी. उसके माता-पिता ने आरोप लगाया कि उसे एक फर्जी मुठभेड़ में मारा गया था. स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की थी.

एक मजिस्ट्रेट द्वारा की गई जांच रिपोर्ट में पांच पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया, जिसमें कहा गया कि इस दावे में दम है कि यह एक फर्जी मुठभेड़ थी. मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में नामित वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय शिंदे, सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश मोरे, हेड कांस्टेबल अभिजीत मोरे और हरीश तावड़े और पुलिस चालक सतीश खताल थे. इस मजिस्ट्रेट रिपोर्ट के आने के बाद हाईकोर्ट में आगे की सुनवाई चल रही है.

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