बिहार के कटिहार जिले के दंडखोरा थाने पर उत्तेजित भीड़ ने हमला कर दिया. इस हमले में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. घायल पुलिसकर्मियों को नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आत्मरक्षा में गोली चलाई. इस मामले की जांच की जा रही है.
कटिहार के एसपी वैभव शर्मा ने कहा, “यह घटना शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात को दंडखोरा थाने पर लोगों के एक समूह द्वारा शराबबंदी कानून के उल्लंघन के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति को छुड़ाने के उद्देश्य से हुई. भीड़ थाने के परिसर में घुस गई. ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों पर पथराव करने लगी. इसमें 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए.”
एसपी ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आत्मरक्षा में गोली चलाई. भीड़ गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को पुलिस लॉकअप से छुड़ा नहीं पाई. इस हमले के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के तहत केस दर्ज किया है. साल 2016 में बिहार में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था.
बताते चलें कि पिछले महीने बिहार के गया में इसी तरह की घटना सामने आई थी. कुछ लोगों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया, जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. घायलों में एक महिला कांस्टेबल भी शामिल थई. परैया थाना प्रभारी प्रमोद कुमार ने बताया था कि पुलिस टीम एक व्यक्ति को छुड़ाने गई थी, जिसे कुछ लोगों ने बंधक बना रखा था.
चौकीदार सुरेश पासवान के बेटे बैद्यनाथ पासवान और उसके सहयोगियों ने बंधक बनाया था. इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ गया. उन लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. इस हमले में एएसआई बाबू पासवान और महिला कांस्टेबल प्रिया कुमारी घायल हो गए. घटना की सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा.
घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वारदात को अंजाम देकर हमलावर मौके से फरार हो गए, लेकिन पुलिस ने बंधक बनाए गए व्यक्ति को सुरक्षित बचा लिया. इस तरह बिहार में पुलिसकर्मियों पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता बढ़ गई है. हाल के दिनों में बिहार में पुलिस पर कई हमले हुए हैं, जिनमें दो एएसआई की मौत हो चुकी है.











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