उत्तर प्रदेश के संभल के नरौली कस्बे में दुकानों की दीवारों पर ‘फ्री गाजा, फ्री फिलिस्तीन’ संदेश वाले पोस्टर लगाने के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कुछ दिन पहले सामने आए इन पोस्टरों में एक खास समुदाय से इजरायली सामान का बहिष्कार करने की अपील भी शामिल थी. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है.
बनियाठेर के थाना प्रभारी रामवीर सिंह ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर सात लोगों की पहचान की गई है. जिन दुकानों की दीवारों पर पोस्टर दिखे, उनके मालिकों से अतिरिक्त जानकारी जुटाई गई है. गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान आसिम, सैफ अली, रहीस, मतलूब, फरदीन, अरमान और अरबाज के रूप में हुई है.
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बजरंग दल के संयोजक नितिन शर्मा ने कहा कि पोस्टरों में मुसलमानों से केवल उनके धर्म के लोगों द्वारा संचालित दुकानों से खरीदारी करने का आग्रह किया गया है. ये बेहद परेशान करने वाला है. इसका उद्देश्य सांप्रदायिक नफरत फैलाना है. उन्होंने कहा, “ये सिर्फ़ पोस्टर नहीं हैं. ये एक ख़तरनाक मानसिकता को दर्शाते हैं.”
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों के कारण स्थिति चिंताजनक है. इसी तरह के संकेत अब नरौली में भी दिखाई दे रहे हैं, जहां पोस्टर लगाए गए हैं. इसमें मुसलमानों से सिर्फ मुसलमानों से ही सामान खरीदने को कहा गया है. उन्होंने पूछा कि कौन दंगा भड़काने और शहर को आग लगाने की कोशिश कर रहा है?”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन तत्काल कार्रवाई करने में विफल रहता है, तो विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठन मामले को अपने हाथ में ले लेंगे. साल 2023 में हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों द्वारा दक्षिणी इज़राइल पर हमला किया गया था. उसमें 1200 लोग मारे गए थे. इसके बाद 251 लोगों का अपहरण कर लिया गया था.
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया गया है कि इस हमले में अब तक 51 हजार से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं. इनमें ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. अभी कुछ दिन पहले अमेरिका सहित कई देशों की पहल पर हमास और इजरायल के बीच सीजफायर हुआ था. इस दौरान बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी कैदी और बंधक रिहा की गए थे.
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