जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी पाकिस्तानी वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं. इस फैसले के तहत सामान्य पाकिस्तानी वीजा धारकों को 27 अप्रैल 2025 तक और मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल 2025 तक पाकिस्तान वापस लौटना अनिवार्य कर दिया गया है. वीजा रद्द करने को लेकर भारत आए कई पाकिस्तानी नागरिक परेशान हैं, उन्होंने अपना दर्द बयां किया है.
डेढ़ महीना का वीजा, लेकिन 10 दिन में लौटने को मजबूर
समाचार एजेंसी एएनआई ने पाकिस्तान से आई एक महिला से बातचीत की है. महिला ने बताया कि वो भांजे की शादी में शामिल होने के लिए भारत आईं थी. वीजा को लेकर वह तीन सालों तक परेशान रहीं. उन्हें डेढ़ महीना का वीजा मिला था. लेकिन, भारत सरकार के फैसले के बाद अब वो 10 दिनों में ही भारत लौटने के लिए मजबूर हैं.
महिला ने कहा कि परिवार के कई सदस्य शादी समारोह में शामिल हो रहे. लेकिन, वो शामिल नहीं हो पा रही हैं. उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा, ‘जो हमारे बड़े नहीं हैं, वो गलत फैसले लेते हैं तो हमारे जैसे को आज ही वक्त क्यों देखना पड़ता?’ इस स्थिति के कारण परिवार बंट गए हैं और आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.
शादी में आए पाकिस्तानी ने कहा- धर्म के नाम पर लड़ना गलत, आम आदमी को क्यों करें परेशान?
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान पाकिस्तान के कराची से आए एक शख्स का दर्द छलक गया. शख्स ने बताया कि वह परिवार के लोगों के साथ शादी समारोह में शामिल होने के लिए भारत आए थे.
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वीजा पर आए इस परिवार को मौजूदा हालात और रास्ते बंद होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर लड़ना और आम आदमी को परेशान करना गलत है, ‘जो बंदा गलत कर रहा है उसको मौके पर फांसी दे दें.’ उन्होंने इस्लाम के नाम पर हिंसा करने वालों की निंदा करते हुए कहा कि इस्लाम बेगुनाहों को मारना नहीं सिखाता. उन्होंने सरकार से वीजा नियमों में नरमी बरतने और कानूनी तरीके से आने वालों को शांति से रहने देने की अपील की.
पहलगाम अटैक का असर: अटारी से पाक नागरिकों की वापसी
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने देश में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को वापस जाने का निर्देश दिया है. इसके चलते अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान लौटने वालों की भीड़ है. इनमें यूपी आए मोहम्मद रशीद और बस करी का परिवार भी शामिल है, जो रिश्तेदार की शादी और शोक में शामिल होने आए थे, लेकिन उन्हें 15 दिन में ही लौटना पड़ रहा है.
बस करी ने कहा, ‘करता कोई भुगतना आम आदमी को पड़ता है.” उन्होंने हमले की निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन आम लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए. कई परिवार वीज़ा अवधि से पहले लौटने को मजबूर हैं’.
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