PAK नहीं सुधरेगा! पहलगाम हमले के वक्त शहबाज शरीफ इस मुस्लिम देश के नेता से अलाप रहे थे कश्मीर राग – Pakistan Prime Minister Shehbaz Sharif thanks turkey for his support of pakistan on kashmir during pahalgam terror attack ntcprk

मंगलवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से भारत सकते में है. सऊदी अरब गए पीएम मोदी अपना दौरा बीच में ही छोड़कर वापस लौट आए हैं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिका, पेरू का दौरा छोड़ भारत लौट आई हैं और गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत दुनिया भर के नेता आतंकी हमले को लेकर दुख जता रहे हैं. लेकिन इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुस्लिम देश तुर्की जाकर अपनी पुरानी हरकत दोहराई है.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री दो दिवसीय दौरे पर तुर्की पहुंचे है. मंगलवार को जब पहलगाम में आतंकी हमले हो रहे थे तब शहबाज शरीफ तुर्की में कश्मीर का राग अलाप रहे थे. हमलों के कुछ ही देर बाद उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. राजधानी अंकारा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरीफ ने कश्मीर मुद्दे पर तुर्की के समर्थन के लिए एर्दोगन का धन्यवाद दिया. 

पाकिस्तान के अखबार ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के मुताबिक, ‘प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गाजा में 50,000 निर्दोष लोगों की हत्या की निंदा की और तत्काल संघर्षविराम का आह्वान किया. इसके साथ ही उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर तुर्की के अटूट समर्थन के लिए एर्दोगन का धन्यवाद दिया.’

पहलगाम हमले में शामिल हैं पाकिस्तान के आतंकी

पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए हमलों में दो पाकिस्तानी आतंकियों के शामिल होने की खबर है. बताया जा रहा है कि हमले में दो स्थानीय आतंकी भी शामिल थे. सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच भी जारी किए हैं. इन आतंकियों ने मंगलवार को बैसरन घाटी घूमने गए पर्यटकों को चुन-चुन कर गोली मारी जिसमें 28 लोग मारे गए और 17 घायल हुए है. आतंकियों की तलाश के लिए सेना, एनआईए, पुलिस और अन्य खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हैं .

सूत्रों के मुताबिक, हमला करने वाले दो आतंकी पश्तून भाषा में बात कर रहे थे जिससे संकेत मिलता है कि वो पाकिस्तान से थे. दो स्थानीय आतंकियों की पहचान हुई है और उनके नाम आदिल अहमद ठाकुर और आसिफ शेख बताए गए हैं.

कश्मीर में आतंकियों की मदद करता पाकिस्तान, तुर्की जाकर समर्थन मांग रहे शरीफ

पाकिस्तान कश्मीर में अलगाववादी ताकतों को फंडिंग, ट्रेनिंग से लेकर हर तरह से बढ़ावा देता रहा है. उसने घाटी में अस्थिरता फैलाने की लगातार कोशिशें की हैं. ये सब करने के अलावा को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का रोना रोता रहता है. पाकिस्तान की सरकार दूसरे देशों से भी कश्मीर पर समर्थन की मांग करती रही हैं लेकिन अब उन्हें इस मुद्दे पर अधिकतर देशों से समर्थन मिलना बंद हो गया है. 

कश्मीर मुद्दे पर तुर्की का रुख?

पाकिस्तान तुर्की को साइप्रस के मुद्दे पर समर्थन करता है और इसी के एवज में तुर्की कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के पक्ष में बोलता है. इसी साल फरवरी में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन पाकिस्तान पहुंचे थे जहां उन्होंने कहा कि कश्मीर का मुद्दा सुलझाने के लिए वो पाकिस्तान के प्रयासों का समर्थन करते हैं.

उन्होंने आगे कहा था कि कश्मीर का मुद्दा ऐसी बातचीत के जरिए हल हो सकता है जो संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छा के अनुरूप हो. एर्दोगन ने कहा कि तुर्की लगातार कश्मीरी भाइयों के साथ एकजुटता रखेगा.

2022 में पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ तुर्की पहुंचे थे जहां एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में एर्दोगन ने कहा था कि वो चाहते हैं, दशकों पुराने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के हिसाब से सुलझाया जाए.

इससे पहले साल 2020 में राष्ट्रपति एर्दोगन ने पाकिस्तान की संसद में भाषण देते हुए कश्मीर पर पाकिस्तान का साथ दिया था.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर उसके विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने पर कहा था, ‘हमारे कश्मीरी भाइयों और बहनों ने दशकों तक परेशानियां झेली हैं और हाल के समय में लिए गए एकतरफा फैसलों के कारण उनकी दिक्कतें और बढ़ गई हैं. आज कश्मीर का मुद्दा हमारे उतना ही करीब है जितना पाकिस्तान के. इस मुद्दे का समाधान सभी संबंधित पक्षों के हित में होगा. तुर्की कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए न्याय, शांति और बातचीत के साथ खड़ा रहेगा.’

कश्मीर पर तुर्की की टिप्पणियों का भारत ने सख्ती से विरोध किया है. विदेश मंत्रालय का कहना है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर किसी भी तरह की टिप्पणी अस्वीकार्य है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कश्मीर पर एर्दोगन की हालिया टिप्पणी का विरोध करते हुए फरवरी 2025 में कहा था, ‘भारत के घरेलू मुद्दों पर इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी को हम खारिज करते हैं. हमने इस संबंध में तुर्की के राजदूत से कड़ा विरोध भी दर्ज कराया है. भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर इस तरह के अनुचित बयान अस्वीकार्य हैं. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है.’

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