PM मोदी की बैक-टू-बैक 5 बड़ी बैठकें… तो क्या सही साबित होने वाला है पाकिस्तान का डर? – PM Modi 5 back to back big meeting with ministers and officials after pahalgam attack Pakistan in fear ntc

पूरी दुनिया को अब ये दिख रहा है कि पाकिस्तान बहुत अंदर तक डरा हुआ है. जिस तरह की हलचल हिंदुस्तान में दिख रही है, उससे पाकिस्तान अब और ज्यादा घबरा रहा है. कारण, अब ये साफ-साफ दिख रहा है कि बहुत जल्द कोई बड़ा एक्शन होने वाला है. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ NSA, CDS और तीनों सेनाओं के चीफ की बैठक हुई और अब बुधवार को पीएम मोदी ने 5 बड़ी मीटिंग कीं. 

पीएम मोदी की ये मीटिंग दिल्ली में हुईं, लेकिन यहां से 690 किलोमीटर दूर इस्लामाबाद में घबराहट बढ़ गई, क्योंकि अब पाकिस्तान को ये लगने लगा है कि इस बार भारी मिस्टेक हो गई है. ये मुलाकातें क्यों महत्वपूर्ण हैं. इसे समझने से पहले इन बैठकों के बारे में जानना जरूरी है.

सबसे पहले बुधवार सुबह 11 बजे CCS यानी की कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक हुई. एक हफ्ते में दूसरी बार CCS बैठी है. पहलगाम हमले के अगले ही दिन यानी कि 23 अप्रैल को भी CCS की मीटिंग हुई थी. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन होती हैं. जानकारी के मुताबिक CCS में जम्मू कश्मीर की सुरक्षा को लेकर चर्चा हुई है और पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत का किस तरह का रेस्पॉन्स होना चाहिए, इस पर भी बात हुई है.

आखिरी बार बालाकोट एयरस्ट्राइक से पहले हुई थी CCPA की बैठक 

इसके बाद CCPA यानी कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स की मीटिंग हुई. ये मीटिंग सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर हुई. CCPA को सुपर कैबिनेट भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें यूनियन कैबिनेट के टॉप मिनिस्टर होते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि आखिरी बार CCPA 2019 में मिली थी, जब भारत पर पुलवामा अटैक हुआ था और इसी CCPA की मुलाकात के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक हुई थी. और अब CCPA पहलगाम हमले के बाद मिल रही है. तो क्या ये माना जाए कि पाकिस्तान पर एक्शन का प्लान तैयार हो चुका है और अब बस अमल में लाए जाने का इंतजार है?

तीसरी मीटिंग हुई CCEA यानी कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की. वैसे तो इस मीटिंग में देश के आर्थिक हालात सुधारने के लिए फैसले हुए हैं लेकिन पहलगाम हमले के बाद हो रही इस मीटिंग के मायने काफी अलग हैं. इसमें भी कैबिनेट के तमाम टॉप मिनिस्टर होते हैं- प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री के अलावा कृषि मंत्री, सड़क परिवहन मंत्री, कॉमर्स मिनिस्टर, हैवी इंडस्ट्री मिनिस्टर, शिक्षा मंत्री.

सरकार ने NSAB का पुनर्गठन किया

और इसके बाद साढ़े 12 बजे दोपहर में मोदी कैबिनेट की बैठक हुई. आम दिनों में भी ये बैठकें होती हैं, लेकिन पहलगाम हमले को देखते हुए ये सारी मुलाकातें बहुत महत्वपूर्ण हो जाती हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री साउथ ब्लॉक में अपने दफ्तर गए और वहां वॉर रूम में भी उन्होंने एक महत्वपूर्ण बैठक की. इसके अलावा सिंधु जल समझौते पर गृहमंत्री अमित शाह ने भी एक अहम बैठक की. और सरकार की तरफ से एक बड़ा फैसला भी इसी दिन हुआ.

दरअसल, सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन किया है. NSAB में सरकार से बाहर के सिक्योरिटी एक्सपर्ट होते हैं. ये 7 सदस्यों का सलाहकार बोर्ड है, जिसमें सेना और सिविल सर्विस से जुड़े रिटायर्ड अधिकारी शामिल किए गए हैं. पूर्व RAW चीफ आलोक जोशी NSAB के चेयरमैन होंगे. इसके बाकी सदस्यों में पूर्व वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शन पीएम सिन्हा, पूर्व सदर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, मिलिट्री सर्विसेस के रेयर एडमिरल मोंटी खन्ना, रिटायर्ड IPS ऑफिसर राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह पूर्व IFS ऑफिसर बी वेंकेटेश वर्मा शामिल हैं.

ये सारे डिसीजन बता रहे हैं कि सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी कदम उठाने से पहले सुरक्षा के लिहाज से सबकुछ ठीक कर लेना चाहती है. और इन नई मीटिंग्स और फैसलों को देखकर ये भी समझ में आ रहा है कि बहुत जल्द पाकिस्तान को बहुत तगड़ा जवाब मिलने वाला है. देर शाम आर्मी चीफ भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर निकले.

मीटिंग की वजह से पाकिस्तान में खलबली

मंगलवार को भी इसी तरह एक मीटिंग हुई थी. और उस मीटिंग की तस्वीरों ने पाकिस्तान को एक बड़ा सदमा दिया है. पाकिस्तान में मंगलवार रात से ही चर्चा इस बात की है कि अगले 24 घंटे के अंदर भारत बड़ा हमला करने की योजना बना रहा है. इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नेवी चीफ एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी और एयरफोर्स चीफ अमरप्रीत सिंह मौजूद थे. इस मीटिंग में वो हर व्यक्ति मौजूद था, जो पाकिस्तान से युद्ध का फैसला लेने और रणनीति बनाने के लिए जरूरी था.

इस मीटिंग की वजह से पाकिस्तान में खलबली इसलिए है क्योंकि इसमें देश की सुरक्षा से जुड़े फैसले लिए गए. और ये तय किया गया कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान का क्या किया जाए? 90 मिनट तक चली इस मीटिंग की जो तस्वीरें सामने आईं, उसमें वायुसेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख की तस्वीरों ने सबका ध्यान खींचा है. कारण, वायुसेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख पेपर पर कुछ खास चीजें नोट करते नजर आ रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कुछ ऐसी रणनीति तैयार की गई है, जिसमें तीनों सेनाओं को अपना-अपना रोल निभाने के लिए कहा गया है.

सरकार ने सेनाओं को दी खुली छूट

इस हाई लेवल मीटिंग की जिस बात से पाकिस्तान डरा हुआ है, वो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीनों सेनाओं को दिया गया निर्देश. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के मामले में तीनों सेनाओं को खुली छूट दे दी है. उन्होंने तीनों सेना प्रमुखों से कह दिया है कि वो तरीका, टाइम और टारगेट खुद तय करें. यानी एक तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान की किस्मत का फैसला तीनों सेनाओं के हाथों में दे दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने आतंक के खिलाफ सख्त जवाब देने के बात जब भी कही है तो पाकिस्तान के लिए ये बड़ी मुसीबत बना है.

18 सितंबर वर्ष 2016 जम्मू कश्मीर के उरी में आर्मी कैंप पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले के 6 दिन बाद 24 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में हमले की निंदा की करते हुए आतंकियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कही थी. 

प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही सेना को खुली छूट दी तो उनके बयान के केवल 4 दिन बाद यानी 28 सितंबर को भारतीय सेना ने PoK में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. और इसमें 38 आतंकियों और 2 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था. 

याद कीजिए 14 फरवरी 2019, पुलवामा में CRPF जवानों की बस पर अटैक हुआ था. इस हमले के 1 दिन बाद 15 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी में एक रैली की और कहा कि आतंकियों ने बहुत बड़ी गलती कर दी है और उन्हें भारी कीमत चुकानी होगी. पीएम ने तब ये भी कहा था कि सेना को खुली छूट दे दी गई है. 

इस बयान के 11 दिन बाद यानी 26 फरवरी को इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी. जिसमें 300 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे. 

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकियों ने 28 लोगों को हिंदू होने की वजह से मार दिया था. इस हमले के 2 दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकियों को मिट्टी में मिला देने की बात कही और फिर हमले के 7 दिन बाद उन्होंने तीनों सेनाओं को जवाब देने की खुली छूट दे दी है.

प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान का मतलब ये है कि पाकिस्तान के खिलाफ कुछ बड़ा एक्शन हो सकता है. मुमकिन है कि किसी एक दिन आप सोकर उठें तो आपको पता चले कि भारतीय सेना ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो आपकी कल्पना से परे होगा.

सरकार के फैसले से दहशत में पाकिस्तान?

अब इसे भी समझने की जरूरत है कि तीनों सेनाओं को छूट देने के मायने क्या हैं. इसके बाद से ही पाकिस्तान के नेताओं की नींद हराम हो गई है. पाकिस्तान को भी मालूम है कि जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेनाओं को खुली छूट दी है, तब पाकिस्तान पर हमला हुआ है. इसीलिए मंगलवार पूरी रात पाकिस्तान के नेताओं ने अपनी सेना और जनता को ‘जागते रहो’ का संदेश दिया. पाकिस्तान में इस वक्त डर का ऐसा माहौल है कि उन्हें लगता है भारत अगले 24 से 48 घंटों में हमला कर सकता है. और ये डर उन्हें सोने नहीं दे रहा है. देर रात 3 बजे पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्री ने एक प्रेस कांफ्रेस बुलाई और दावा किया कि भारत हमला करने वाला है. आप सोचिए पाकिस्तान के मंत्री, प्रधानमंत्री मोदी की बैठक के बाद कितनी दहशत में है.

पाकिस्तान के मंत्री अताउल्लाह तारड़ ने कहा कि उन्हें खुफिया जानकारी मिली है कि पहलगाम की घटना के बहाने भारत हमला कर सकता है. पाकिस्तान इतना डरा हुआ है कि वो अब दुनिया के अन्य देशों से हमला रुकवाने की अपील करने लगा है. पाकिस्तान का ये डर लजिमी है क्योंकि 22 अप्रैल के बाद से भारत ने पाकिस्तान को अपनी ताकत की छोटी-छोटी झलकियां दिखानी शुरू कर दी हैं. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सुरक्षाबल सीमा के हर कोने पर नजर रखे हुए हैं. और पाकिस्तानी सेना, उनका ध्यान भटकाने के लिए LoC पर सीज़फायर वायलेशन कर रही है, वो लगातार फायरिंग कर रही है. लेकिन अब भारतीय सेना भी जवाबी कार्रवाई के मूड में आ गई है.

सीजफायर का लगातार उल्लंघन कर रहा पड़ोसी मुल्क 

22 अप्रैल से अबतक पाकिस्तान ने कई बार LoC पर फायरिंग की है. और भारत ने इसका करारा जवाब दिया है. हम आपको एक मैप दिखाना चाहते हैं जिसमें पाकिस्तानी सेना की फायरिंग का एक खास पैटर्न दिखा है. Line Of Control पर 22 अप्रैल से ही पाकिस्तान और भारत के बीच में फायरिंग हो रही है. 22 अप्रैल को उरी, 24 अप्रैल को लीपा वैली, 26 अप्रैल को नीलम और टुटमारी गली, 27 अप्रैल को पुंछ और कुपवाड़ा, 28 अप्रैल को कुपवाड़ा, बारामूला और अखनूर और 29 अप्रैल को सुंदरबनी, पर्गवाल, अखनूर और नौशेरा में दोनों देशों के बीच फायरिंग हुई है.

आमतौर पर LoC पर छोटी मोटी फायरिंग होती है, लेकिन 22 अप्रैल के बाद LOC पर बड़े स्तर पर दोनों सेनाएं फायरिंग में उलझी हुई हैं और ये कोई मामूली बात नहीं है. पहलमगाम हमले के बाद 7 दिनों के अंदर 11 से ज्यादा जगहों पर फायरिंग हो चुकी है. और इसमें दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे की आर्मी पोस्ट पर फायरिंग कर रहे हैं. फायरिंग के बाद भारत ने पाकिस्तान को युद्ध विराम के उल्लंघन पर सख्त चेतावनी दी है. युद्धविराम के उल्लंघन पर भारत की जबरदस्त जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान को दहशत में डाल है. 

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