पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर जारी सरकारी आदेश के बाद पिछले 6 दिनों में 55 राजनयिकों सहित 786 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा के जरिए भारत छोड़ चुके हैं. लेकिन नेपाल के जरिए अवैध रूप से हिंदुस्तान में दाखिल हुई पाकिस्तानी नागरिक सीमा हैदर की वापसी नहीं हुई है. फिलहाल उनको छोड़ दिया गया है. उनके वकील एपी सिंह ने बुधवार को कहा कि सीमा हैदर ने सनातन धर्म अपनाया है. सचिन मीणा से शादी की है. उनकी एक बेटी का जन्म भारत में हुआ है. एटीएस सहित कई एजेंसियां उनकी जांच कर रही हैं.
एपी सिंह ने कहा कि पहलगाम हमले से सीमा हैदर का कोई संबंध नहीं जोड़ा जाना चाहिए. सीमा का मामला बिल्कुल अलग है. उनको किसी अन्य विवाद से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. इस समय वो अपनी बीमार बेटी का अस्पताल में इलाज करवा रही हैं. इस संवेदनशील समय में लोगों को उनसे सहानुभूति रखनी चाहिए. पहले से ही उनके खिलाफ यूपी एटीएस गहन जांच कर रही है. उनसे जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज जांच एजेंसियों के पास मौजूद हैं. जांच प्रक्रिया नियम से चल रही है. लोगों को विश्वास रखना चाहिए. किसी अफवाह पर ध्यान न देना चाहिए.
इससे पहले सीमा हैदर ने एक वीडियो जारी करके कहा था, “मैं पाकिस्तान की बेटी थी, लेकिन अब मैं भारत की बहू हूं. मैं पाकिस्तान नहीं जाना चाहती. पीएम (नरेंद्र) मोदी और यूपी के सीएम योगी (आदित्यनाथ) से अपील करती हूं कि वे मुझे भारत में रहने दें.” सीमा का दावा है कि सचिन मीणा से शादी करने के बाद उसने हिंदू धर्म अपना लिया. देश भर में हो रही आलोचनाओं के बावजूद उनके वकील को उम्मीद है कि उनको भारत में रहने की अनुमति दी जाएगी, क्योंकि उन्होंने दावा किया कि वह अब पाकिस्तानी नागरिक नहीं है.
सीमा ने आगे कहा, “मैं मोदी जी और योगी जी से अपील करती हूं कि मैं अब उनकी शरण में हूं. मैं पाकिस्तान की बेटी थी, लेकिन अब मैं भारत की बहू हूं. मुझे यहीं रहने दीजिए.” पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को निलंबित करने सहित कई जवाबी कदम उठाए गए. विदेश मंत्रालय ने यह भी घोषणा की कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वैध वीजा 29 अप्रैल से रद्द कर दिए जाएंगे.
इस आदेश के बाद ज्यादातर पाकिस्तानी अपने देश जा चुके हैं. लेकिन सीमा हैदर यूपी के ग्रेटर नोएडा में रह गई हैं. लेकिन ऐसे कैसे? इस सवाल का जवाब बेहद दिलचस्प है. 23 अप्रैल को भारत के विदेश सचिव ने एक प्रेस कॉंफ्रेंस की थी. उसमें उन्होंने पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार की तरफ से लिए गए 5 फैसलों की जानकारी दी थी. इनमें से एक जानकारी ये थी कि भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों के सभी 14 कैटेगरी के वीजा रद्द किए जा रहे हैं. इन खास कैटेगरी के वीजा धारकों को ही भारत छोड़ने के लिए बाध्य किया गया.
सीमा हैदर पर रद्द किए गए 14 कैटेगरी के वीजा का आदेश लागू ही नहीं होता. इसलिए लागू नहीं होता क्योंकि सीमा बगैर वीजा के ही भारत में दाखिल हुई थी. यानि उन्होंने अवैध रूप से सरहद पार की थी. है ना कमाल की बात. जो पाकिस्तानी वैध वीजा के साथ भारत आए उन सब पर तो गाज गिर गई लेकिन बिना भारतीय वीजा वाली सीमा बच गई. कहते हैं कई बार कुछ बुरे काम भी अच्छा कर जाते हैं. अवैध रूप से भारत में दाखिल होने की वजह से सीमा का केस यूपी की अदालत में है. अब जब तक अदालत फैसला नहीं दे देती सीमा यहीं रहेगी.
सीमा का एक मामला राष्ट्रपति भवन में भी है. उसको भारतीय नागरिकता दिए जाने की मांग को लेकर. राष्ट्रपति भवन ने अब तक उस पर कोई फैसला नहीं लिया है. भारतीय नागरिकता दिए जाने की सीमा की ये अर्जी पहलगाम हमले से बहुत पहले की है. जबतक राष्ट्रपति भवन से ये फैसला नहीं आ जाता, सीमा को तब तक भारत से पाकिस्तान नहीं भेजा जा सकता. सीमा मई 2023 में नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हुई थी. वो भी अपने चार बच्चों के साथ. सीमा को यूपी के ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सचिन मीणा से प्यार हो गया था.
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