UPSC Success Story – UPSC Result: रिजल्ट आते ही पापा को फोन किया, कहा- 99 रैंक आई है, पढ़िए संभाजीनगर की तेजस्वी देशपांडे की सक्सेस स्टोरी – UPSC success story Chhatrapati Sambhajinagar tejaswi deshpande got AIR 99 success story toppers pvpw

UPSC Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में छत्रपति संभाजीनगर की तेजस्वी देशपांडे ने बड़ी सफलता हासिल की है. तेजस्वी ने पूरे देश में 99वीं रैंक प्राप्त कर शहर का नाम रोशन किया है. इस खबर के सामने आते ही पूरे संभाजीनगर में खुशी की लहर दौड़ गई है. तेजस्वी के घर पर रिश्तेदारों, दोस्तों और शुभचिंतकों का बधाइयों के लिए तांता लगा हुआ है.

तीसरे प्रयास में क्लियर किया UPSC

यह तेजस्वी का यूपीएससी में तीसरा प्रयास था. पहले दो प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली थी, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी रणनीति को और बेहतर बनाया. उन्होंने नियमित अध्ययन, समय प्रबंधन और गहन अभ्यास के साथ तीसरे प्रयास में यह सफलता पाई. इस बार तेजस्वी ने प्रारंभिक परीक्षा बेंगलुरु में दी थी और मुख्य परीक्षा (मेंस) के लिए मुंबई को परीक्षा केंद्र चुना था. तेजस्वी की शुरुआती पढ़ाई संभाजीनगर के नाथ वैली स्कूल में हुई. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई की. ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी.

तेजस्वी और उनकी मां दोपहर को एक साथ बैठकर रिजल्ट का इंतज़ार कर रही थीं. जैसे ही परिणाम आया और नाम लिस्ट में दिखा, दोनों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए. तेजस्वी ने तुरंत अपने पिता को मैसेज किया  “पापा, यूपीएससी में मेरी 99वीं रैंक आई है.” उस समय उनके पिता, डॉ. प्रसाद देशपांडे, अस्पताल में मीटिंग में थे. मैसेज पढ़ते ही उन्होंने तुरंत बेटी को फोन कर बधाई दी. तेजस्वी के पिता घाटी अस्पताल में मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख हैं और उनकी मां डॉ. गौरी देशपांडे एक दंत चिकित्सक हैं. घर का पढ़ाई और सेवा से जुड़ा वातावरण तेजस्वी के लिए प्रेरणादायक रहा. उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता ने कभी किसी करियर का दबाव नहीं बनाया, बल्कि उन्हें अपनी पसंद से पढ़ाई करने की पूरी स्वतंत्रता दी.

तेजस्वी ने यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं को संदेश देते हुए कहा, “सफलता का रास्ता लगातार प्रयासों से होकर जाता है. असफलता से घबराएं नहीं, बल्कि हर गलती से कुछ सीखें और आगे बढ़ते रहें.”

By line Story By Israruddin Chishty

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