Two Candidates Cleared UPSC From Haryana: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 चक्र के परिणाम घोषित कर दिए हैं. हरियाणा के दादरी जिले की दो होनहार बेटियों ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में सफलता हासिल कर पूरे जिले का नाम रोशन किया है. गांव मोड़ी की स्वाति फोगाट को 306वीं और गांव धनासरी की अंकिता श्योराण को 337वीं रैंक मिली है. दोनों बेटियों की इस कामयाबी से उनके गांवों और परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है. घरों पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.
दादा से मिली प्रेरणा, सोशल मीडिया से बनाई दूरी
गांव मोड़ी निवासी स्वाति फोगाट ने अपने दूसरे प्रयास में 306वीं रैंक हासिल की है. उनके पिता रमेश फोगाट रिटायर्ड डीपीई हैं और माता सुदेश देवी गृहणी हैं. स्वाति ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गांव से की और बाद में राई स्पोर्ट्स स्कूल से 12वीं पास की. इसके बाद कमला नेहरू कॉलेज, दिल्ली से जियोग्राफी ऑनर्स में बीए किया और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से एमएससी की पढ़ाई पूरी की.
स्वाति ने नेट और जेआरएफ भी क्वालीफाई किया और फिलहाल वनस्थली, जयपुर से पीएचडी कर रही हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें सिविल सेवा की प्रेरणा अपने दादा प्रताप सिंह नंबरदार से मिली. पहले प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचने के बाद असफल रहने पर भी उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में यह बड़ी सफलता हासिल की.
बिना कोचिंग के हासिल की 337वीं रैंक
गांव धनासरी निवासी अंकिता श्योराण ने अपने दूसरे प्रयास में बिना किसी कोचिंग के UPSC परीक्षा पास कर 337वीं रैंक हासिल की है. अंकिता के पिता बिजेंद्र श्योराण रिटायर्ड जिला शिक्षा अधिकारी हैं और माता कमलेश श्योराण अध्यापिका हैं. उनके दादा डॉ. उमेद सिंह रिटायर्ड वीएलडी रहे हैं.अंकिता ने अपनी दसवीं DAV स्कूल महेंद्रगढ़ से और 12वीं RPS स्कूल महेंद्रगढ़ से की. इसके बाद रोहतक PGI से MBBS की पढ़ाई गोल्ड मेडल के साथ पूरी की और दिल्ली के RML अस्पताल से मेडिसिन में MD की उपाधि प्राप्त की.
अंकिता के पति भी क्लियर कर चुके हैं UPSC
अंकिता का विवाह एक सिविल सेवा अधिकारी से हुआ है. उनके ससुर डॉ. भूप सिंह यादव रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर और सास सरला यादव रिटायर्ड CDPO हैं. अंकिता ने बताया कि उनकी सफलता का राज कड़ी मेहनत, परिवार का सहयोग और आत्मविश्वास है. दोनों बेटियों की इस शानदार सफलता पर क्षेत्र के विधायक सुनील सांगवान सहित कई लोगों ने बधाइयाँ दी हैं. गांवों में मिठाइयाँ बांटी जा रही हैं और लोग बेटियों की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं.स्वाति और अंकिता की यह सफलता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने वाली है, खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों के लिए यह एक बड़ी मिसाल बनी है.
