US-China Trade War: पहले अमेरिका पर लगाया 125% टैरिफ, अब यूरोपीय संघ को रिझाने की कोशिश… जिनपिंग के मन में क्या चल रहा है? – US China Trade War Dragan Imposed 125 percent tariff on US and Now Talk to EU against Trump Tariff tutd

अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर जंग खत्‍म होने का नाम नहीं ले रही है. कभी डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) चीन पर टैरिफ बढ़ा देते हैं तो कभी चीन अमेरिका पर हैवी टैरिफ लगा देता है. यह सिलसिल अप्रैल की शुरुआत से ही जारी है. अमेरिका द्वारा 145% टैरिफ चीन पर लगाने के बाद अब चीन ने भी पलटवार कर दिया है. चीन ने अमेरिका को जवाब देते हुए 125% Tariff लगाया है. 

चीन किसी भी शर्त पर अमेरिका से पीछे हटना नहीं चाहता है, बल्कि नई-नई रणनीति भी बना रहा है. नया टैरिफ लगाने के साथ ही चीन ने अब यूरोपिय संघ से गुहार लगाई है. चीनी राष्‍ट्रपति Xi Jinping ने यूरोपीय संघ से कहा कि अमेरिका के इस ‘एकतरफा धौंस’ का विरोध करना चाहिए. चीनी वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘ अगर अमेरिका चीन के हितों का उल्लंघन करने पर जोर देता है, तो चीन दृढ़ता से जवाबी कदम उठाएगा और अंत तक लड़ेगा.’

बैठक में शी जिनपिंग ने क्‍या कहा? 
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज के साथ बैठक के दौरान Xi Jinping ने अमेरिका के आर्थिक दबावों का विरोध करने के लिए चीन और यूरोपीय संघ के साथ मिलकर काम करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि चीन और यूरोप को अपनी अंर्तराष्‍ट्रीय जि‍म्मेदारियों को पूरा करना चाहिए और एकतरफा धमकाने वाली प्रथाओं का मिलकर विरोध करना चाहिए. 

स्‍पेन पीएम ने कर दिया इनकार! 
सांचेज ने माना कि यूरोप का चीन के साथ व्यापार घाटा है, लेकिन इससे आगे के सहयोग में बाधा नहीं आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि स्पेन और यूरोप दोनों का चीन के साथ व्यापार घाटा काफी है, जिसे हमें ठीक करने के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि हमें व्यापार तनाव को चीन और स्पेन के बीच और चीन और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों के संभावित विकास के रास्ते में नहीं आने देना चाहिए. 

चीन कै रवैये से अमेरिका नाराज
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने टैरिफ बढ़ोतरी का बचाव करते हुए कहा, ‘हम देश के कामकाज के तरीके से बहुत खुश हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि दुनिया हमारे साथ उचित व्यवहार करे.’ अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने इस उपाय को ‘सोची-समझी चाल’ बताया और बीजिंग को चेतावनी दी कि बदला न लें, और आपको पुरस्कृत किया जाएगा. इसके विरोध में, चीन ने ‘अंत तक लड़ने’ के अपने रुख को दोहराया है, जबकि वाशिंगटन की कार्रवाइयों के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने के लिए कूटनीतिक पहल की है. 

यूरोपीय लीडर्स से मिल रहा चीन 
वहीं प्रधानमंत्री ली कियांग यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन समेत यूरोपीय नेताओं के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं. इस आउटरीच को ‘बाहरी दुनिया को सकारात्मक संदेश’ भेजने के रूप में दिखाया जा रहा है, जो यूरोपीय संघ के साथ व्यापार और निवेश संबंधों को गहरा करने के चीन के इरादे को बताता है.

एजेंसी ने बताया कि ‘चीन यूरोपीय संघ के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है ताकि चीन और यूरोपीय संघ के नेताओं द्वारा पहुंची गई महत्वपूर्ण सहमति को संयुक्त रूप से लागू किया जा सके और कम्‍युनिकेशन को मजबूत किया जा सके. साथ ही चीन-यूरोपीय संघ व्यापार, निवेश और औद्योगिक सहयोग को गहरा किया जा सके.’

एशियाई देशों से भी चीन बढ़ा रहा मेलजोल! 
इसके अलावा, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन से गठबंधन को मजबूत करने के लिए संपर्क किया है, जबकि ली ने व्यापारिक नेताओं को आश्वासन दिया है कि चीन ‘सभी प्रकार की अनिश्चितताओं’ के लिए तैयार है और आवश्यकतानुसार नीतियां पेश करेगा. 

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