Varanasi Gang Rape Case New Twist – सात दिन, 23 दरिंदे और हैवानियत… वाराणसी गैंग रेप की पीड़िता पर भी उठे सवाल, अब SIT करेगी जांच – UP Varanasi girl gang rape case new mode evidence police commissioner action SIT formation arrest stop police crime ntcpvz

Varanasi Gang Rape Case New Twist: वाराणसी में एक युवती के साथ सप्ताहभर गैंग रेप किए जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है. वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ने न केवल इस केस की जांच के लिए SIT का गठन कर दिया है, बल्कि अगली किसी भी गिरफ्तारी पर रोक भी लगा दी है. साथ ही पुलिस का कहना है कि अगर गैंगरेप के आरोप गलत पाए जाते हैं, तो उल्टा पीड़िता के खिलाफ कार्रवाई होना तय है. 19 साल की पीड़िता ने 23 लोगों पर उसके साथ गैंगरेप करने का इल्जाम लगाया है. 

पुलिस के इस एक्शन की वजह ये है कि गुरुवार को दर्जनों की संख्या में आरोपियों के परिजन एक साथ पुलिस कमिश्नर आफिस पहुंचे और वहां जाकर न केवल इंसाफ की गुहार लगाई, बल्कि पीड़ित युवती की संदिग्ध गतिविधि के वीडियो और फोटो भी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को उपलब्ध कराए. जिनसे पता चलता है कि उस घटनाक्रम की अवधि के दौरान वो लड़की अपनी मर्जी से आरोपी युवकों के साथ घूमती फिरती नजर आ रही है.

इस दौरान उस लड़की ने जमकर इस्टाग्राम का इस्तेमाल किया और तमाम फोटो-वीडियो अपलोड किए हैं. इस्टाग्राम के चैटबॉक्स के जरिये आरोपी बनाए गए युवकों से चैट करके खुद मिलने की बात कही. मालूम हो कि पीएम मोदी ने भी वाराणसी में अपने 50वें दौरे के दौरान आलाधिकारियों से एयरपोर्ट पहुंचते ही इस मामले का संज्ञान लेते हुए कड़े निर्देश दिये थें.

वाराणसी में एक हफ्ते तक युवती के साथ गैंगरेप की घटना पर सवालिया निशान इसलिए खड़े हो रहे हैं, क्योंकि पीड़ित युवती की मां ने लालपुर-पांडेयपुर थाने में दी गई तहरीर में 29 मार्च से 4 अप्रैल तक के घटनाक्रम का जिक्र किया है, जिसमें युवती को लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदहवास हालत में बार-बार ले जाकर युवक रेप करते रहे. इस दौरान न तो उन्हे किसी ने देखा और न ही युवती ने बीच सड़क से आने-जाने के दौरान किसी तरह का विरोध किया. 

हालांकि इसके पीछे दलील दी जा रही थी कि युवती बदहवास थी. लेकिन अब जो वीडियो-फोटो सामने आए हैं. उनमें एक वीडियो उसी कॉन्टिनेंटल रेस्टोरेंट के नीचे का है. जो युवती के गायब होने के तीसरे दिन यानी 31 अप्रैल का बताया जा रहा है, उस वीडियो में युवती आरोपी बनाए गए तीन युवकों के साथ दिख रही है. संभवत: एक अन्य आरोपी वीडियो बना रहा है. 

इसके बाद युवती ने कॉन्टिनेंटल कैफे पर काम करने वाले एक अन्य आरोपी के साथ अपने इंस्टाग्राम के कमेंट बॉक्स में चैट की है और खुद ही मिलने के लिए बता रही है. ये चैटिंग भी उसी अवधि की बताई जा रही है. इसके अलावा लड़की ने खुद अपनी फोटो 2 अप्रैल को इंस्टाग्राम पर अपलोड की है और भी तमाम फोटो-वीडियो अपलोड किए हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि जब युवती का गैंगरेप हो रहा था, तो वे कैसे एक हफ्ते तक यूं ही न केवल अपनी मर्जी से घूम रही थी, बल्कि सोशल मीडिया का भी भरपूर इस्तेमाल कर रही थी.

जब आरोपियों के परिजनों ने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से शिकायत की तो इन्ही सब बातों का संज्ञान लेते हुए उन्होंने एक SIT का गठन कर दिया और आगे किसी भी गिरफ्तारी पर रिपोर्ट आने के पहले रोक लगा दी. उन्होंने बताया कि तमाम एविडेंस परिजनों ने दिए हैं, जिससे प्रूफ हो रहा है कि 29 मार्च से 4 अप्रैल के बीच लड़की ने खुद अपने वीडियो अपलोड किए हैं. इस दौरान वह घाटों पर भी प्रसन्नचित्त मुद्रा में दिखाई पड़ रही है. इसके अलावा भी वह मोटरसाइकिल पर भी अपने दोस्तों के साथ दिखाई पड़ रही है.

पुलिस आयुक्त ने बताया कि जैसा FIR में आरोप लगाया गया है कि लड़की बंधक थी और नशे की हालत में थी, जबकि ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं पड़ रहा है. परिजनों के मुताबिक पूरी अवधि के दौरान लड़की स्वतंत्र थी, वह चाहती तो अपने घर जा सकती थी और दोस्तों के यहां भी जा सकती थी या फिर पुलिस से भी संपर्क कर सकती थी. इसलिए आरोपियों के परिजनों का कहना है कि लगातार रेप की घटना फर्जी और बंधक बनाए जाने का मामला भी झूठा है.

पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, मेडिकल में किसी तरह की चोट या साइन आफ स्ट्रगल भी नहीं है. घटना की गंभीरता को देखते हुए एक SIT का गठन किया गया है. जिसमें एक DCP, एक लेडी IPS, एक ACP, सर्विलांस टीम, SOG टीम और जांच अधिकारी इंस्पेक्टर को रखा गया है और आरोपियों के परिजनों ने जो भी बिंदू उठाए गए हैं, उन पर जांच होगी और सभी विरोधाभास की जांच भी होगी. 

आरोप ये भी है लड़की ने उसी अवधि में चैट भी की और अपने एक दोस्त के घर ईद की सेवई भी खाने पहुंची थी. इन्ही बिंदुओं की जांच पुलिस करेगी ताकि किसी के साथ अन्याय न होने पाए. उन्होंने बताया कि लड़की के ऊपर आरोप लगे हैं कि उसने कुछ लोभ प्राप्ती करके 3 लोगों के नाम लेने से मना कर दिया और पैसों की भी मांग की जा रही है. इन बिंदुओं पर भी SIT जांच करेगी. अगर किसी एक्सट्रार्शन रैकेट के तहत FIR लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए कराई गई है तो निश्चित रूप से लड़की या उसके परिजन या अन्य सम्मलित लोगों पर भी कार्रवाई होगी.

उन्होंने बताया कि लड़की की मेडिकल रिपोर्ट सामान्य है. उसको किसी तरह की एक्टर्नल इंजरी नहीं है. SIT को एक महीने का वक्त जांच के लिए दिया गया है और जो भी निर्दोष जेल गए हैं, उन्हें न्याय दिलाएंगे और कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट भी देंगे. इस मामले में कुल 12 ज्ञात और 11 अज्ञात लोगों पर मुकदमा लिखा गया है. लड़की के पहचाने पर अज्ञात में 2 को जेल भेजा गया है जबकि 9 अभी बाकी हैं. 

ऐसे में आरोपियों के परिजन आरोप लगा रहें है कि उनको डरा-धमकाकर वसूली की मांग की जा रही है. इसलिए SIT की जांच पूरी हो जाने के बाद ही किसी अज्ञात की गिरफ्तारी पर्याप्त सबूत मिलने की हालत में होगी. वहीं, आरोपियों के वकील ने भी कहा कि इस मामले में लगाई गई धाराओं के आधार पर लोअर कोर्ट जमानत नहीं दे सकती है. वे सेशन कोर्ट में कोशिश करेंगे नहीं तो हाईकोर्ट का रुख करेंगे. 

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