White House Changed its Media Policy – व्हाउट हाउस ने बदली 111 साल पुरानी परंपरा, अब ट्रंप जिस पत्रकार को चाहेंगे वही पूछ पाएगा सवाल! – White House changed its Media Policy kicks out Reuters Bloomberg and AP from press pool ntc

व्हाइट हाउस ने अपनी मीडिया पॉलिसी में बदलाव किया है. नई पॉलिसी में रॉयटर्स, ब्लूमबर्ग और एसोसिएटेड प्रेस जैसी अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसियों को व्हाइट हाउस के प्रेस पूल से बाहर कर दिया गया है. इन न्यूज एजेंसियों को प्रेस पूल में अब स्थायी जगह नहीं मिलेगी. व्हाइट हाउस का प्रेस पुल करीब 10 मीडिया संस्थानों का एक समूह होता है. इसमें पत्रकार और फोटोग्राफर शामिल होते हैं. ये लोग राष्ट्रपति की हर छोटी-बड़ी गतिविधि को कवर करते हैं. दूसरे मीडिया संस्थान राष्ट्रपति से जुड़े कवरेज के लिए प्रेस पूल में शामिल ​मीडिया संस्थानों पर निर्भर रहते हैं.

इस पॉलिसी में बदलाव के बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों को अमेरिकी राष्ट्रपति तक पहुंचने में अब काफी मुश्लिक होगी. व्हाइट हाउस के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने इसे प्रेस कवरेज को नियंत्रित करने का प्रयास बताया, जिससे स्वतंत्र पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर असर पड़ सकता है. नई नीति के तहत अब व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट यह तय करेंगी कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कौन सा पत्रकार या मीडिया संस्थान सवाल पूछ सकता है. यह पॉलिसी व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस, प्रेस ब्रीफिंग रूम और राष्ट्रपति के विशेष विमान ‘एयर फोर्स वन’ में भी लागू होगी. 

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आइजनहावर ने 1953 में की प्रेस पूल की शुरुआत

व्हाइट हाउस प्रेस पूल की शुरुआत 1950 के दशक में अमेरिका के 34वें राष्ट्रपति ड्वाइट डी. आइजनहावर के कार्यकाल में हुई थी. व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति से जुड़ा कवरेज करने के लिए पत्रकारों की भीड़ बढ़ने लगी. इससे निपटने के लिए 10 पत्रकारों या मीडिया संस्थानों का एक ग्रुप बनाया गया, इसे प्रेस पूल नाम दिया गया. यानी प्रेस पूल में शामिल पत्रकारों को ही व्हाइट हाउस की प्रेस ब्रीफिंग, ओवल ऑफिस (अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यालय) और एयर फोर्स वन में एंट्री मिलती थी. प्रेस पूल में कौन से मीडिया हाउस या पत्रकार होंगे यह तय करने की जिम्मेदारी व्हाइट हाउस कॉरेस्पॉन्डेंट एसोसिएशन (WHCA) के पास थी.

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व्हाइट हाउस ने 111 साल पुरानी परंपरा भी बदली

व्हाइट हाउस कॉरेस्पॉन्डेंट एसोसिएशन पत्रकारों का एक स्वतंत्र संगठन है. इसकी स्थापना साल 1914 में हुई थी. बाकी मीडिया संस्थान अमेरिकी राष्ट्रपति से जुड़े अपडेट, फोटो, वीडियो और ऑडियो के लिए इन्हीं न्यूज एजेंसियों पर निर्भर हैं. प्रेस पूल में शामिल होने वाले पत्रकारों या मीडिया संगठनों के चयन की जिम्मेदारी WHCA को इसलिए दी गई थी ताकि व्हाइट हाउस पक्षपाती तरीके से पत्रकारों को न चुन सके और सभी को निष्पक्ष जानकारी मिले. यानी कोई राष्ट्रपति अपने पसंदीदा मीडिया संस्थानों या पत्रकारों को ही प्रेस पूल में ना रखे, यह सुनिश्चित करना WHCA की जिम्मेदारी थी. हालांकि, 111 साल पुराने इस एसोसिएशन की भूमिका अब समाप्त कर दी गई है.

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प्रेस पूल में अब कॉन्टेंट क्रिएटर्स को मिलेगी जग​ह

व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने कहा कि अब उनकी टीम प्रति दिन प्रेस पूल के सदस्यों का चुनाव करेगी. उन्होंने कहा कि इसका मकसद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मैसेज को सही ऑडियंस तक पहुंचाना और हर मुद्दे विशेषज्ञों को प्रेस पूल में जगह देना है. लेविट ने कहा कि पॉडकास्टर, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और न्यूज कॉन्टेंट क्रिएटर्स को भी प्रेस पूल में मौका दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे प्रेस पूल में ज्यादा विविधता आएगी. व्हाइट हाउस के इस फैसले को प्रेस की आजादी पर हमला माना जा रहा है. एपी, रॉयटर्स और ब्लूमबर्ग जैसी न्यूज एजेंसियों ने कहा, ‘हमारी खबरें हर दिन अरबों लोगों तक पहुंचती हैं. सरकार का यह कदम स्वतंत्र और सटीक जानकारी के लिए अपना सोर्स चुनने के जनता के अधिकार को खत्म कर देगा.’ 
 

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