पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के हालिया बयान को कश्मीर घाटी में हुए खूनी हमले का ट्रिगर माना जा रहा है. 17 अप्रैल को इस्लामाबाद में ‘ओवरसीज पाकिस्तानी कन्वेंशन’ में दिए गए एक भड़काऊ भाषण के महज 5 दिन बाद पहलगाम के बैसारन में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई.
आसिम मुनीर इस वक्त पाकिस्तान और भारत दोनों ही मुल्कों के लिए वॉन्टेड बने हुए हैं. पाकिस्तान में उनके खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है और रिपोर्टों के मुताबिक, वह बंकर में छिपे हुए हैं. मुनीर को उनके ही देश में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. आरोप है कि उनकी वजह से पाकिस्तान गहरे संकट में फंसा है. पाकिस्तान के न्यूज चैनलों और अखबारों में उनके खिलाफ तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि उनके बड़बोलेपन और आतंकी साजिशों के कारण पाकिस्तान आज टूटने की कगार पर है.
क्या कहा था मुनीर ने?
जनरल आसिम मुनीर ने अपने भाषण में ‘टू-नेशन थ्योरी’ को जोर-शोर से उठाया था. उसने कहा था कि आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी सुनानी होगी, ताकि वे न भूलें कि हमारे बुजुर्गों ने क्यों माना कि हम हिंदुओं से हर पहलू में अलग हैं. इसी से टू-नेशन थ्योरी की नींव पड़ी. हम एक नहीं, दो राष्ट्र हैं. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि इतनी नफरत भरी सोच के साथ पले-बढ़े आसिम मुनीर का बैकग्राउंड क्या है. आइए जानते हैं आसिम मुनीर के परिवार के बारे में.
आसिम मुनीर का परिवार
आसिम मुनीर का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां उनके पिता एक स्कूल टीचर और इमाम थे साथ ही वह हाफिज-ए-कुरान है. पाकिस्तानी न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके पिता का नाम सैयद सरवर मुनीर है. आसिम मुनीर का परिवार सैयद समुदाय से संबंधित है, जिसे मुस्लिम समाज में एक सम्मानित जाति माना जाती है. सूत्रों के मुताबिक, जनरल मुनीर की पत्नी का नाम इरम आसिम है और उनकी बेटी सुंदस अज़ैर, उज़ैर अली शाह से शादीशुदा हैं. आसिम मुनीर भाषणों में अक्सर इस्लामिक संदर्भों का इस्तेमाल करते हैं और इस्लामी विचारधारा को बढ़ावा देते हैं.
सैयद सरवर मुनीर का परिवार 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान भारत के पंजाब स्थित जालंधर से पाकिस्तान आया था. शुरुआत में उन्होंने तोबा टेक सिंह में शरण ली और बाद में स्थायी रूप से रावलपिंडी में बस गए. इस तरह जनरल आसिम मुनीर का परिवार एक मुहाजिर (विभाजन के बाद भारत से पाकिस्तान गए प्रवासी) परिवार माना जाता है.
इमरान खान ने ISI प्रमुख पद से हटाया था
2018 में मुनीर को ISI प्रमुख बनाया गया था, लेकिन 8 महीने के भीतर ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्हें हटा दिया और उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को नियुक्त कर दिया. इमरान खान के सत्ता से बाहर होने के बाद, असीम मुनीर की वापसी हुई और वे पाकिस्तान के आर्मी चीफ बना दिए गए.
भारत के खिलाफ ‘जिहाद’
मुनीर का करियर 1986 में जनरल जिया-उल-हक के कार्यकाल में शुरू हुआ. उन्होंने मंगला के ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल से पास आउट होकर ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ हासिल किया, और 23वीं बटालियन फ्रंटियर फोर्स रेजीमेंट में कमीशन प्राप्त किया. मुनीर इससे पहले भी कश्मीर पर कई भड़काऊ बयान दे चुके हैं. उनके बयानों में अक्सर भारत के खिलाफ उकसाने वाली भाषा और ‘जिहाद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल देखा गया है. जानकार मानते हैं कि इस तरह के बयान आतंकवाद को नैतिक समर्थन देने जैसा काम करते हैं.
क्या पहलगाम हमला इसी का नतीजा है?
सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान की सेना और ISI लंबे समय से आतंकियों को संरक्षण देती रही है. ऐसे में जब सेना प्रमुख खुद भारत और हिंदुओं के खिलाफ विभाजनकारी बातें करता है, तो यह आतंकियों को एक तरह का ‘गो-अहेड’ सिग्नल देने जैसा होता है.
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