ट्रंप ने फार्मास्युटिकल कंपनियों को दी ‘टैरिफ वॉल’ की चेतावनी, बढ़ सकते हैं दवाइयों के दाम – Trump warns pharmaceutical companies of tariff wall drug prices may rise ntc

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि अमेरिका में फार्मास्युटिकल कंपनियों के लिए एक टैरिफ वॉल लगाए जाने की योजना है. इसके तहत अमेरिकी बाजार में दवाइयों के आयात पर 25% टैरिफ लगाया जा सकता है, इससे अमेरिकी दवाइयों की कीमतों में 12.9% तक की बढ़ोतरी हो सकती है. इसके कारण अमेरिकी बाजार में दवाइयों की लागत लगभग 51 बिलियन डॉलर सालाना बढ़ सकती है.

रॉयटर्स के मुताबिक इसे लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसे अमेरिकी ट्रेड ग्रुप ने कमीशन किया है. रिपोर्ट में बताया गया कि 2023 में अमेरिका ने 203 बिलियन डॉलर के फार्मास्युटिकल उत्पादों का आयात किया, जिसमें से 73% यूरोप से आया था, खासकर आयरलैंड, जर्मनी और स्विट्जरलैंड से. इसी वर्ष अमेरिका की कुल फार्मास्युटिकल बिक्री 393 बिलियन डॉलर रही थी.

ऐसे ट्रंप का ये कदम अमेरिकी दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी के डर को और बढ़ा सकता है, जिससे मरीजों और स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव पड़ेगा.

रॉयटर्स की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका फार्मास्युटिकल उत्पादों पर 25% टैरिफ लगा सकता है, जिससे अमेरिकी दवाइयों की कीमतों में सालाना लगभग 51 बिलियन डॉलर की वृद्धि हो सकती है. अगर ये टैरिफ लागू होता है, तो दवाइयों की कीमतें 12.9% तक बढ़ सकती हैं. 

ये रिपोर्ट फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड मैन्युफैक्चर्स ऑफ अमेरिका (PhRMA) द्वारा कमीशन की गई थी, जिसमें अमजेन, ब्रिस्टल मायर्स स्क्विब, एली लिली और प्फाइज़र जैसी कंपनियां शामिल हैं. PhRMA का कहना है कि यह टैरिफ घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों को कमजोर करेगा, जो कि ट्रंप का मुख्य लक्ष्य है. दवाइयां बनाने वाली कंपनियों ने ट्रंप प्रशासन से आयातित फार्मास्युटिकल उत्पादों पर टैरिफ धीरे-धीरे लागू करने का आग्रह किया है, ताकि इसकी आर्थिक मार को कम किया जा सके.

रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्पादन लागत केवल एक ही कारण नहीं है जो नई दवाइयों की कीमतों को प्रभावित करती है. हालांकि ये भी स्पष्ट नहीं है कि आयातित इंटरमीडिएट उत्पादों या आयातित तैयार उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ का कितना असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा.

अगर तैयार उत्पादों पर टैरिफ लगाया जाता है, तो यह खुदरा और थोक वितरकों के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंच सकता है. रिपोर्ट के अनुसार अगर टैरिफ को पूरी तरह से घरेलू बिक्री पर उच्च कीमतों के रूप में लागू किया गया, तो अमेरिकी दवाइयों की कीमतें 12.9% तक बढ़ सकती हैं.

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