14/14 का कमरा, जमीन पर बिस्तर, CCTV कैमरे… तहव्वुर राणा को ऐसे रखा गया है NIA हेडक्वार्टर में – Tahawwur Rana Cell in NIA Headquarter Custody 2008 Mumbai Terror Attach David Headley ntc

2008 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पूछताछ कर रही है. एनआईए शुरुआती पूछताछ में जानने की कोशिश करेगी कि राणा का पाकिस्तान में हैंडलर कौन है और उसे फंडिंग कौन कर रहा था?

सूत्रों के मुताबिक, तहव्वुर राणा से पूछताछ के दौरान एनआईए जांचकर्ताओं का फोकस मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों में रहेगा. इनमें 2008 मुंबई हमले की साजिश में राणा की भूमिका, लश्कर-ए-तैयबा के साथ उसके संबंध और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से कथित रिश्ते शामिल हैं.

शुरुआती पूछताछ में क्या पूछेगी NIA? 

– तहव्वुर राणा का पाकिस्तान में हैंडलर कौन है?
– उसे फंडिंग कौन कर रहा था?
– स्पीलर सेल कौन-कौन है?
– बिजनेस पार्टनर कौन-कौन है?
– भारत में किस-किसको फंड दे रहा था? 
– हेडली की मदद भारत में किन लोगों ने की और पैसे किस-किसको दिए गए?

कैसी है तहव्वुर राणा की सेल?

तहव्वुर राणा को एनआईए हेडक्वार्टर में ग्राउंड फ्लोर की सेल में रखा गया है. इस सेल में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है. इसी सेल में उसे बिस्तर दिया गया है, जो जमीन पर लगा हुआ है. बाथरूम सेल के भीतर ही है. सेल का साइज लगभग 14/14 का है. राणा को सेल के भीतर ही खाना और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराया जाएगा.

इस सेल में मल्टीपल लेयर डिजिटल सिक्योरिटी है, जहां 24 घंटे गार्ड पहरा देंगे. सेल के भीतर एनआईए के टॉप 12 अधिकारियों को ही प्रवेश करने की मंजूरी दी गई है. राणा की NIA हेडक्वार्टर में भी कम से कम मूवमेंट करवाई जाएगी और इंटेरोगेशन के लिए दो कैमरों की निगरानी में रिकॉर्डिंग के साथ इंटेरोगेट किया जाएगा. इस कमरे के ठीक ऊपर तीसरे फ्लोर पर बने इंटोरेगेशन रूम में पूछताछ होगी.

ये इंटेरोगेशन आज से शुरू हुई है और बीच-बीच में ब्रेक भी दिया जाएगा. राणा से पूछताछ के लिए एनआईए से आठ एजेंसियों ने रिक्वेस्ट की है. पूछताछ करने वाली टीम का नेतृत्व डीआईजी जया रॉय कर रही हैं. राणा को अमेरिका से भारत लाने में रॉय की बड़ी भूमिका रही है. इस पूछताछ की डेली रिपोर्ट मेंबर्स को भेजी जाएगी. 

एनआईए राणा की कस्टडी के दौरान रोजाना पूछताछ की एक डायरी तैयार करेगी. आखिरी दौर की पूछताछ के बाद डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में उसे रिकॉर्ड किया जाएगा. बीएनएस में प्रावधान है कि हर 48 घंटे में आरोपी का मेडिकल करवाया जाए.

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