Why Team India Supprt staff Sacked: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया से जुड़ा सख्त फैसला लिया. BCCI ने 4 सपोर्ट स्टाफ को बाहर का रास्ता दिखा दिया, जिनमें असिस्टेंट कोच अभिषेक नायर, फील्डिंग कोच टी दिलीप, स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच सोहम देसाई और एक मसाजर शामिल हैं. हालांकि BCCI ने इसे लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
प्राथमिक तौर पर माना जा रहा है BCCI का यह एक्शन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) 2025 में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण रहा. वहीं, भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में घर पर 0-3 से हारी..
टेस्ट में ऐसा पहली बार हुआ, जब भारतीय टीम को अपने घर पर तीन या उससे ज्यादा मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा. भारत की इसी सीरीज में हार के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था.
क्यों हटे टीम इंडिया अभिषेक नायर
बीसीसीआई ने इस साल की शुरुआत में एनसीए और इंडिया ए कोच सितांशु कोटक को व्हाइट बॉल के लिए बल्लेबाजी कोच के रूप में नियुक्त किया था. कोटक इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में कोटक टीम इंडिया के साथ जुड़े थे.
ऐसे में टीम में असिस्टेंट कोच अभिषेक नायर के लिए संभवत: भूमिका नहीं बन रही थी. क्योंकि नायर के अलावा रेयान टेन डोशेट भी टीम में बतौर असिस्टेंट कोच थे. वहीं गेंदबाजी के तौर पर मोर्ने मोर्केल टीम में थे. खुद गौतम गंभीर भी बल्लेबाज रह चुके हैं. ऐसे में टीम में एक ही स्पेशलाइजेशन के कई लोग हो रहे थे. जो हो सकता है एक वजह रही हो कि अभिषेक नायर को हटाया गया हो.

वहीं टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति में गौतम गंभीर का अहम रोल माना जाता है. यह बात किसी से छिपी नहीं है कि उन्होंने अपने खास लोगों को टीम इंडिया से जोड़ा. जब भी टीम इंडिया ने सीरीज गंवाई, गौतम गंभीर निशाने पर रहे और विशेषज्ञों ने माना कि उन्होंने अनुभवहीन सपोर्ट स्टाफ जुटाए हैं. खुद गंभीर का भी स्पेशलिस्ट कोचिंग का कोई अनुभव नहीं रहे हैं. क्योंकि वो भी फ्रेंचाइजी क्रिकेट तक सीमित रहे हैं. अभिषेक नायर, रेयान टेन डोशेट को टेस्ट मैचों में अनुभव नहीं था.
बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के दौरान गौतम गंभीर के ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों को कही गई बात बाहर आ गई थी. इस सीरीज के दौरान मेलबर्न टेस्ट में हार के बाद भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने पूरी टीम से कहा कि अब बहुत हो गया. हालांकि गंभीर ने ड्रेसिंग रूम में तनाव की खबरों का भी खंडन किया था और कहा कि ये केवल रिपोर्ट हैं, इनमें सच्चाई नहीं.
कोचिंग स्टाफ से गंभीर का दबदबा खत्म?
राहुल द्रविड़ का बतौर हेड कोच टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद बाद कार्यकाल खत्म हुआ था. उसके बाद गौतम गंभीर को भारत का नया हेड कोच 9 जुलाई 2024 को नियुक्त किया गया था. गंभीर ने हेड कोच बनते ही अपने कोचिंग स्टाफ का एक बड़ा हिस्सा कोलकाता नाइट राइडर्स से लिया, जिसमें अभिषेक नायर, रेयान टेन डोएशेट और मोर्ने मोर्केल (लखनऊ सुपर जायंट्स में जब गंभीर मेंटर थे तो मोर्केल गेंदबाजी कोच) शामिल थे. संभवत: एक वजह यह भी रही है कि BCCI टीम के स्टाफ में एक तरह की लॉबी बनने से रोकना चाह रहा हो.
टेस्ट क्रिकेट में फ्लॉप होने पर उठे सवाल
अक्टूबर-नवंबर 2024 में गंभीर के कार्यकाल में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में शर्मनाक 0-3 से हार मिली. ऑस्ट्रेलिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में भारतीय टीम संघर्ष करती दिखी थी. टीम का प्रदर्शन व्हाइट बॉल में तो ठीक रहा था, लेकिन रेड बॉल यानी टेस्ट क्रिकेट में वो कमाल नहीं कर पा रहे थे. संभवत: इसी वजह से टीम इंडिया में छंटनी हुई. क्योंकि टेस्ट के लिहाज से ऐसा पहली हुआ कि भारतीय टीम WTC (वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप) में लगातार तीसरी बार फाइनल में नहीं पहुंच पाई. भारतीय टीम को नए सहयोगी स्टाफ इंग्लैंड के खिलाफ 20 जून से शुरू होने वाली पांच मैचों की सीरीज से पहले मिल सकते हैं. भारत की अगली चुनौती इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में होगी.
फील्डिंग कोच टी दिलीप क्यों आए निशान पर
भारतीय टीम की फील्डिंग पिछले कुछ समय से आलोचना का विषय बनी हुई है. BGT में भारतीय टीम ने अहम कैच छोड़े और रन आउट के मौके गंवाए गए, जिससे टीम को नुकसान हुआ. वहीं टीम के फिटनेस और इंजरी मैनेजमेंट प्रबंधन को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. BGT के दौरान कुछ प्रमुख खिलाड़ी चोट के कारण बाहर रहे, जिससे टीम की गहराई पर असर पड़ा. इस कमजोरी का ठीकरा सोहम देसाई पर फूटा. सीरीज के आखिरी टेस्ट में बुमराह भी सिडनी में दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर पाए.











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